5 लाख लोगों के लिए खुशख़बरी..ग्रेटर नोएडा टू दिल्ली जाम फ्री

दिल्ली NCR

अगर आप भी ग्रेटर नोएडा में रहते हैं और रोजाना दिल्ली आना-जाना करते हैं तो ये ख़बर आपके लिए है। क्योंकि ग्रेटर नोएडा से दिल्ली तक बनाई जाने वाली चिल्ला एलिवेटेड फ्लाईओवर बहुत जल्द मयूर विहार को महामाया फ्लाईओवर से जोड़ने जा रही है।

सौ. सोशल मीडिया

सबसे अच्छी ख़बर ये कि चिल्ला एलिवेटेड रोड बनाने के लिए नोएडा अथॉरिटी के आकलन को आईआईटी दिल्ली की मंजूरी मिल गई है। अथॉरिटी ने प्रॉजेक्ट का 801 करोड़ रुपये का एस्टिमेट तैयार कर परीक्षण के लिए आईआईटी को भेजा था। जानकारी के मुताबिक, आईआईटी ने 800 करोड़ 96 लाख रुपये की लागत को मंजूरी दे दी है। अब अथॉरिटी इस लागत पर प्रॉजेक्ट को फिर शुरू कराएगी। यह प्रॉजेक्ट पहले से सेतु निगम के पास है। निगम ने पिछले दिनों 1100 करोड़ रुपये लागत का एस्टिमेट अथॉरिटी को भेज दिया था। इसके बाद अथॉरिटी ने यह एस्टिमेट खुद के कंसल्टेंट से तैयार कराकर परीक्षण करवाया है।

यह प्रॉजेक्ट नोएडा अथॉरिटी और पीडब्ल्यूडी की साझेदारी में जून 2020 में शुरू हुआ था। शुरू में इसकी लागत 650 करोड़ रुपये अनुमानित थी। इसमें आधा बजट पीडब्ल्यूडी का शासन से आना था। वह भी ढाई साल में नहीं आया है। अथॉरिटी ने काम शुरू कराने के बाद इस बजट का इंतजार किया। पैसा न आने पर काम बंद हो गया। फिर अथॉरिटी ने बोर्ड से मंजूरी लेकर अपने बजट से काम चालू करवाया। इसके बाद जनवरी-2021 में फिर काम बंद हो गया, जो अब तक शुरू नहीं हुआ। इस दौरान सेतु निगम ने लागत वृद्धि व डिजाइन बदलने का हवाला देकर पहले 800 और फिर करीब 1100 करोड़ रुपये का एस्टिमेट नोएडा अथॉरिटी को दिया था।

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यह प्रॉजेक्ट शहर की जरूरत को देखते हुए करीब नौ साल पहले नोएडा अथॉरिटी ने तैयार कराया था। इसका शिलान्यास सीएम ने 19 फरवरी 2019 को किया था। यह एलिवेटेड रोड बन जाने से उद्योग मार्ग, सेक्टर-15, 16, 18 से लेकर अशोक नगर बॉर्डर और कोंडली बॉर्डर समेत फिल्म सिटी के सामने व महामाया तक का ट्रैफिक दबाव कम होगा। इस क्षेत्र में अभी पीक आवर में दिल्ली-नोएडा के बीच के वाहनों का दबाव सबसे ज्यादा रहता है। आगे समय के साथ वाहन और बढ़ेंगे। तब यह एलिवेटेड रोड न होने पर इस पूरे क्षेत्र में जाम की समस्या खड़ी होना तय है।

परियोजना साल 2008 में तैयार की थी, लेकिन साल 2019 में धरातल पर उतर सकी। हालांकि सीएम योगी के शिलान्यास के बावजूद भी इसका काम पूरा नहीं हो सका। यदि समय पर यह परियोजना पूरी हो गई होती तो आज चिल्ला बार्डर से महामाया फ्लाई ओवर तक वाहन चालकों को जाम नहीं झेलना पड़ता। यही एक लिंक है जो सीधे दिल्ली को एक्सप्रेस वे से जोड़ता है।