Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है।
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Greater Noida Industrial Development Authority) ने एक अहम निर्णय लेते हुए भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को क्षेत्र की सभी आवासीय सोसायटियों में ब्रॉडबैंड सेवा (Broadband Service) प्रदाता के रूप में अनिवार्य रूप से अनुमति देने का निर्देश दिया है। इसके बाद अब बिल्डर और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) बीएसएनएल को उनकी परियोजनाओं में सेवाएं देने से नहीं रोक सकेंगे।

प्राधिकरण (Authority) के इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को सेवा प्रदाता चुनने की स्वतंत्रता देना है। बीएसएनएल की ओर से प्राधिकरण को की गई शिकायत में बताया गया था कि कई आवासीय सोसायटियों में बिल्डर और आरडब्ल्यूए उन्हें तकनीकी रूप से उपयुक्त क्षेत्रों में भी सेवाएं देने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है।
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बीएसएनएल (BSNL) ने यह भी कहा कि वह भारत सरकार (Government of India) का 100 प्रतिशत स्वामित्व वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है और देशभर में किफायती दरों पर ब्रॉडबैंड सहित दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। वह FTTH (फाइबर टू द होम) सेवाएं देने के लिए बिल्डरों और आरडब्ल्यूए के साथ अनुबंध करना चाहता है ताकि नवविकसित आवासीय और व्यावसायिक परिसरों में भी सेवाएं पहुंचाई जा सकें।
क्रेडाई को भेजा गया पत्र
इस संबंध में प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव द्वारा क्रेडाई (CREDAI NCR-Western UP) को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि क्रेडाई अपने अंतर्गत आने वाले सभी बिल्डरों को निर्देशित करे कि वे बीएसएनएल को उनकी परियोजनाओं में सेवाएं देने की अनुमति दें।
कॉम्पिटिशन एक्ट का भी हवाला
पत्र में कॉम्पिटिशन एक्ट 2002 (संशोधन 2007) का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि उपभोक्ता को सेवा प्रदाता चुनने की स्वतंत्रता दी गई है और जिला प्रशासन भी इस विचार का समर्थन करता है। ऐसे में किसी भी बिल्डर या आरडब्ल्यूए द्वारा बीएसएनएल को रोकना कानूनी रूप से अनुचित है।
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उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
इस निर्णय के लागू होने से ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की हजारों सोसायटियों के लाखों निवासियों को अधिक विकल्पों के साथ किफायती और विश्वसनीय टेलीकॉम सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इससे न सिर्फ टेलीकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह सरकारी दूरसंचार नीति के अनुरूप भी है।

