Google Map: भारत में अब गली-गली तक सटीक लोकेशन ट्रैकिंग संभव होने जा रही है।
Google Map: भारत में अब गली-गली तक सटीक लोकेशन ट्रैकिंग (Location Tracking) संभव होने जा रही है। एयरटेल (Airtel) बिजनेस ने अमेरिकी कंपनी स्विफ्ट नेविगेशन (Swift Navigation) के साथ मिलकर देश की पहली एआई/एमएल आधारित क्लाउड लोकेशन सर्विस लॉन्च की है, जो गूगल मैप (Google Maps) को भी कड़ी टक्कर दे सकती है। दावा है कि यह सेवा मौजूदा नेविगेशन सिस्टम की तुलना में 100 गुना अधिक सटीक लोकेशन देने में सक्षम है।

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Airtel-Skylark Precise Positioning Service लॉन्च
इस अत्याधुनिक सेवा को ‘Airtel-Skylark Precise Positioning Service’ नाम दिया गया है। यह लोकेशन सर्विस एयरटेल के 4G और 5G नेटवर्क के साथ काम करेगी और पूरे भारत में उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि यह तकनीक GNSS सुधार सेवा (Correction Service) के रूप में काम करती है और लोकेशन ट्रैकिंग को सेंटीमीटर-लेवल की सटीकता तक ले जाती है।
किन क्षेत्रों में होगा इस्तेमाल?
यह सेवा सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि कई सेक्टरों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इसका उपयोग टोल टैक्स सिस्टम, आपातकालीन सेवाएं, डिजिटल मैपिंग, कंस्ट्रक्शन, यूटिलिटी सर्विसेज, फ्लीट मैनेजमेंट और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित समाधानों में किया जाएगा। खासकर संकरी गलियों और बेतरतीब इलाकों में रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग की जरूरत को यह सेवा बखूबी पूरा करेगी।
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एयरटेल बिजनेस के CEO ने क्या कहा?
एयरटेल बिजनेस के डायरेक्टर और सीईओ शरत सिन्हा (Sharat Sinha) ने कहा कि ‘भारत जैसे देश में जहां जगह-जगह संकरी गलियां और जटिल बस्तियां हैं, वहां सेंटीमीटर-लेवल की लोकेशन सटीकता बेहद जरूरी है। स्विफ्ट नेविगेशन के साथ साझेदारी करके हम AI और ML आधारित भारत की पहली क्लाउड-बेस्ड GNSS सुधार सेवा लाने में सफल हुए हैं। यह तकनीक इमरजेंसी सेवाओं को तेजी से और प्रभावी रूप से काम करने में मदद करेगी।’
स्विफ्ट नेविगेशन का बयान
स्विफ्ट नेविगेशन के प्रोडक्ट और मार्केटिंग के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट होल्गर इप्पाच ने इस साझेदारी पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, ‘भारत में स्काईलार्क सर्विस लाकर हमें गर्व है। इस साझेदारी से देश के डेवलपर्स और बिजनेस सेक्टर को IoT, ऑटोमेशन और एडवांस्ड नेविगेशन के क्षेत्र में बड़ी मदद मिलेगी।’
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भारत में लोकेशन ट्रैकिंग का भविष्य
एयरटेल और स्विफ्ट नेविगेशन की इस साझेदारी से यह साफ हो गया है कि भारत अब सुपर-सटीक नेविगेशन टेक्नोलॉजी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में यह सेवा न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव देगी, बल्कि ऑटोमेशन और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी बड़ा बदलाव ला सकती है।

