Google क्या है..कब हुई थी गूगल की शुरुआत..कैसे मिलती है जॉब?

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Google kya hai: गूगल (Google) सिर्फ स्मार्टफोन तक ही नहीं सीमित है बल्कि ये हमारी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। किसी भी चीज की जानकारी लेनी हो..हम सबसे पहले गूगल को याद करते हैं। भले ही उस सवाल का जवाब हमारे पास हो, लेकिन हम वो गूगल से कंफर्म कर लेते हैं। तो हम आज इस आर्टिकल के जरिये यही जानने वाले कि Google क्या है?

गूगल को दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन के तौर पर जाना जाता है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस सर्च इंजन को गूगल नाम दिया नहीं गया था, बल्कि ये एक गलती से मिला है. गूगल आज 25 साल का हो गया है. 27 सितंबरको गूगल ने अपना 25वां बर्थडे सेलिब्रेट किया

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1998 में पूरी दुनिया में धूम मचाने वाले सर्च इंजन की शुरुआत हुई थी. बीते 25 सालों में ये इंटरनेट की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया है. आज गूगल हमारे लिए इतना जरूरी कैसे हो गया है? गूगल आज 25 साल का हो गया है. 1998 में पूरी दुनिया में धूम मचाने वाले सर्च इंजन की शुरुआत हुई थी. बीते 25 सालों में ये इंटरनेट की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया है. आज गूगल हमारे लिए इतना जरूरी कैसे हो गया है? 

हमारे हर सवाल का जवाब देने वाले गूगल की शुरुआत कब और कहां से हुई और यह नाम कैसे आया। इसकी कहानी भी रोचक है। आइए हम आपको गूगल की कहानी बताते हैं।

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गूगल की कहानी साल 1995 में स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) में शुरू होती है। जहां लैरी पेज स्टैंडफोर्ड को अपनी ग्रेजुएशन करने पर विचार कर रहे थे और वहां छात्र Sergey Brin को उन्हें कैंपस दिखाने का काम दिया गया था। जब वह पहले मिले थे, तो उनकी काफी चीजों पर सहमति नहीं हो पाई थी। लेकिन एक साल के भीतर उन्होंने पार्टनरशिप कर ली। उन्होंने साथ मिलकर एक सर्च इंजन बनाया, जिसने बाद में लोगों की जिंदगी बदलकर रख दी। उन्होंने शुरुआत में इस सर्च इंजन को Backrub कहा था।

कहां से मिला Google नाम

बाद में बैकरब का नाम बदलकर गूगल रखा गया। अब उठता है कि गूगल का नाम आया कहां से। जो जानकारी उपलब्ध है, उसके हिसाब से 1920 में अमेरिकी गणितज्ञ Edward Kasner ने अपने भांजे Milton Sirotta को ऐसी संख्या के लिए नाम चुनने में मदद करने के लिए कहा, जिसमें 100 शून्य मौजूद हों। Sirotta ने उन्हें googol नाम सुझाया और Kasner ने इस शब्द का इस्तेमाल करने का फैसला किया। यह शब्द साल 1940 में शब्दकोश में आ गया। Kasner ने उस साल मैथमेटिक्स एंड द इमेजिनेशन नाम से एक किताब लिखी और उस किताब में उन्होंने 100 जीरो के साथ नंबर के लिए googol शब्द का इस्तेमाल किया।

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साल 1998 में जब कंपनी की शुरुआत हुई तो को-फाउंडर लेरी पेज और Sergei Brin ने नाम गूगल फाइनल किया। वे इंजीनियर थे और इस शब्द से जानते थे. हालांकि, उन्होंने Googol शब्द को जैसे के तैसा नहीं लेते हुए, उसमें कुछ बदलाव करके Google कर दिया। इसके पीछे उनका मकसद दुनिया भर की जानकारी को एक जगह साथ में करना था। इसलिए उन्होंने यह नाम लिया, जो 100 जीरो को दिखाता था।

1998 में शुरू हुई थी कंपनी

गूगल ने सिलिकॉन वैली के निवेशकों का भी ध्यान अपनी तरफ खींचा। साल 1998 के अगस्त में सन के को-फाउंडर Andy Bechtolsheim ने लेरी और सर्जी को 1 लाख अमेरिकी डॉलर का चेक दिया और गूगल इंक की आधिकारिक तौर पर शुरुआत हो गई। इस निवेश के साथ, टीम जो पहले डोर्मेटरी में काम करती थी, वह अपने पहले दफ्तर में शिफ्ट हो गई। कंपनी का पहला दफ्तर कैलिफोर्निया के सबअर्बन मैन्लो पार्क में था, जिसका मालिकाना हक Susan Wojcicki के पास था (जो अब यूट्यूब के सीईओ हैं)।

गूगल की अन्‍य सर्विसेज

गूगल को सिर्फ सर्च इंजन के रूप में ही नहीं जाना जात, बल्कि ये तमाम अन्‍य सर्विसेज भी उपलब्‍ध कराता है। आज Gmail के रूप में गूगल दुनिया की सबसे बड़ी मेलिंग सर्विस में से एक है। इसके साथ ही YouTube दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है, वो भी गूगल का ही हिस्सा है। गूगल मैप, गूगल ड्राइव यहां त‍क कि स्मार्टफोन चलाने के लिए इस्तेमाल होने वाला Android OS भी गूगल का है। कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। टेक फर्म ने Google Bard AI लॉन्च किया है, जो एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैटबॉट सर्विस है।

गूगल में नौकरियों की लिस्ट

गूगल टेक्निकल और नॉन टेक्निकल, दोनों सेक्टर्स में हायरिंग करता है (Career at Google)। गूगल जॉब में हिसाब से लाखों/ करोड़ों का पैकेज ऑफर किया जाता है (Google Salary)। गूगल की ऑफिशियल वेबसाइट google.com या https://www.google.com/about/careers/applications/ पर गूगल में करियर ऑप्शन चेक कर सकते हैं (Google Careers).

गूगल अपने एंप्लॉइज का बहुत ध्यान रखता है। अच्छे पैकेज, अच्छी ग्रोथ के साथ ही दिनभर ऑफिस में ही खाने-पीने जैसी तमाम सुविधाएं भी देता है। कई लोगों को लगता है कि गूगल में सिर्फ टेक्मोलॉजी सेक्टर से जुड़ी नौकरियां ही होती हैं। लेकिन यह सही नहीं है। गूगल में एसईओ व कंटेंट राइटिंग में करियर बनाने के भी ऑप्शन हैं।

गूगल का सही यूज क्या है

गूगल एक सर्च इंजन है जिस पर जानकारी का खजाना है। चाहे वो किसी भी चीज के बारे में हो, आप एक सिंगल क्लिक पर कुछ भी सर्च कर सकते हैं और गूगल आपको ज़्यादा से ज़्यादा सटीक जानकारी उपलब्ध करा देता है। इसीलिए गूगल को दुनिया का सबसे बेस्ट सर्च इंजन कहा जाता है और यही वजह है, कि गूगल की एक दिन की कमाई ५ अरब से भी ज़्यादा है। जोकि इसे मिलने वाले विज्ञापनों के ज़रिए होती है।