Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने छह बिल्डर सोसाइटियों (Builder Society) के खिलाफ कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने जुर्माने (Fines) की रकम एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि सोसाइटी (Society) में लगे एसटीपी को न चलाने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने छह बिल्डर सोसाइटियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन छह बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपए का जुर्माना (Fine) लगाया गया है। प्राधिकरण ने जुर्माने की रकम एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। जुर्माने की रकम जमा न कराने और गलती दोहराने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
6 बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपए का जुर्माना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के जल और सीवर विभाग के महाप्रबंधक जितेंद्र गौतम ने अपनी टीम के साथ विगत दिनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित बिल्डर सोसाइटियों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान 6 सोसाइटियों में खामी देखने को मिली। यह सोसाइटियां सीवरेज को शोधित करने के लिए एसटीपी का संचालन मानकों के अनुरूप नहीं कर रही थी।
साथ ही सीवरेज को शोधित किए बिना ही ड्रेनेज सिस्टम (Drainage System) में डाल रही थी। इस शोधित पानी का इस्तेमाल पौधों की सिंचाई के लिए उपयोग करने का प्रावधान है। औचक निरीक्षण के दौरान ये खामियां मिलने पर प्राधिकरण की टीम ने 6 बिल्डर सोसाइटियों पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। प्रत्येक सोसाइटियों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
जानिए किन पर लगा है जुर्माना?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन बिल्डर सोसाइटियों (Builder Societies) पर जुर्माना लगाया गया है। उनमें अजय इंटरप्राइजेस का सेक्टर दो स्थित प्रोजेक्ट इरोज संपूर्णम, राजेश इंफ्रा टेक का सेक्टर-1 स्थित प्रोजेक्ट राजेश रेजिडेंसी, क्रिस्ट प्रमोटर्स का सेक्टर एक स्थित ऐस सिटी सोसाइटी, पंचशील बिल्डर का सेक्टर-1 स्थित प्रोजेक्ट पंचशील हाईनेस सोसाइटी, स्टेलर कांसलेशन का सेक्टर-1 स्थित स्टेलर जीवन सोसायटी और सेक्टर-1 स्थित देविका गोल्ड होम प्रोजेक्ट शामिल हैं।
सिंचाई कार्य में शोधित पानी का इस्तेमाल करें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी (Ashutosh Dwivedi) ने चेतावनी दी है कि प्राधिकरण की तरफ से इस तरह का औचक निरीक्षण आगे भी जारी रहेगा। जिन सोसाइटियों में एसटीपी चलता नहीं पाया गया। और वह सीवरेज को शोधित किए बिना ही ड्रेनेज में डालते पाई गई तो उनके विरुद्ध और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सोसाइटियों से एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई कार्यों में करने की बात कही है।