Traffic Challan : अगर आप भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi-Meerut Expressway) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (Eastern Peripheral Expressway) पर यात्रा करते हैं तो सावधान हो जाइए। आपकी एक छोटी सी गलती आपका काफी नुकसान करा सकती है। बता दें कि इन दोनों एक्सप्रेस-वे पर लगी तीसरी आंख यानी कि CCTV से अब बचना संभव नहीं है। । भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) द्वारा स्थापित किए गए अत्याधुनिक कंट्रोल रूम से एक-एक वाहन की चाल पर हर पल गहरी नजर रहती है।
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कंट्रोल रूम की रिपोर्ट में पता चला है कि बीते 3 सालों में दोनों एक्सप्रेसवे पर 172791 वाहन चालकों के ई- चालान हो चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चालान लगभग 1.55 लाख तो केवल ओवर स्पीड के कारण किए गए हैं।
कुछ वाहनों के चालान गलत दिशा में वाहन चलाने और मार्ग पर गलत तरीके से वाहन खड़ा करने को लेकर चालान हुए हैं। यह चालान 32.67 करोड़ रुपए के हैं । इनमें से अधिकांश चालान का भुगतान भी वाहन चालकों द्वारा कर दिया गया है।
कंट्रोल रूम से हो रही है वाहनों की पल-पल निगरानी
इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (Intelligent Transportation System) के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर चलने वाले वाहनों की हर हरकत पर नजर होती है। इसके साथ ही टोल शुल्क का बेहतर मैनेजमेंट किया जा रहा है।
मसूरी (Mussoorie) के पास बनाए गए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर की इस बिल्डिग में एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से वाहनों की निगरानी के साथ टोल लिया जा रहा। 315 करोड़ की लागत से यह सेंटर मुख्य रूप से 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए ही बनाया गया है लेकिन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के तीन कंट्रोल रूम को भी इससे जोड़ दिया गया है।
आइटीएस सिस्टम की खास बातें
इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम कंट्रोल रूम से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहनों पर नजर रखता है।
कंट्रोल रूम के संचालन के लिए लगे 295 कैमरे, वाहन की टेढ़ी-मेढ़ी चाल को कैद कर रहे हैं।
इस सिस्टम की मदत से चोरी होने वाले वाहन को 10 मिनट में पकड़ लिया जाता।
गलत दिशा में चलने व ओवर स्पीड पर तुरंत पहुंच रहा ई-चालान का संदेश सड़क हादसों की तुरंत खबर मिलने पर बचाव कार्य शुरू कर दिए जाते हैं।