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Delhi: कांवड़ यात्रा पर CM रेखा गुप्ता का बड़ा फैसला, कैंप में बिजली फ्री और समितियों को सीधे मिलेगा पैसा

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अब कांवड़ समितियों को नहीं होगा टेंडर का इंतज़ार

Delhi News: सावन माह में होने वाली कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने कांवड़ समितियों को सीधी आर्थिक सहायता देने का बड़ा निर्णय लिया है। बता दें कि मंगलवार को सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय हुआ कि पंजीकृत कांवड़ समितियों को 50 हजार से 10 लाख रुपये तक की सहायता डीबीटी के जरिए दी जाएगी। साथ ही, प्रत्येक शिविर को फ्री बिजली प्रदान की जाएगी। पढ़िए पूरी खबर…

सिंगल विंडो सिस्टम लागू

सीएम रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने पूर्ववर्ती सरकारों की टेंडर प्रक्रिया पर निशाना साधते हुए इसे समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिसके तहत पंजीकृत समितियों को पैन नंबर, बैंक विवरण और पंजीकरण प्रमाणपत्र के आधार पर सीधे सहायता मिलेगी। यह प्रक्रिया ‘फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व’ के आधार पर होगी, जिसमें स्थानीय सांसद या विधायक की अनुशंसा अनिवार्य होगी।

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कांवड़ शिविरों का चार श्रेणियों में वर्गीकरण

दिल्ली सरकार ने कांवड़ शिविरों को टेंटिंग क्षेत्र और शिविर की अवधि के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा है। सहायता राशि की न्यूनतम सीमा 50,000 रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये तय की गई है। कुल अनुदान का 50% हिस्सा अग्रिम रूप में दिया जाएगा, शेष 50% उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी), एसडीएम या तहसीलदार द्वारा सत्यापित जियो-टैग फोटो और ऑडिट दस्तावेज जमा होने के बाद तीन महीने के भीतर प्रदान किया जाएगा।

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धार्मिक उत्सव समिति का गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजन की निगरानी और सहयोग के लिए ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति’ गठित की जाएगी, जिसके अध्यक्ष दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा होंगे। समिति में चार विधायक भी शामिल होंगे। सभी जिलों में डीएम की देखरेख में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाएगा, जहां 72 घंटे के भीतर अनुमति और एनओसी जारी होगी।

शिविरों में अनिवार्य सुविधाएं

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने कांवड़ समितियों के लिए वाटरप्रूफ टेंट, बिस्तर, मंच, बैरिकेडिंग, सीसीटीवी, पंखा, कूलर, लाइट, फायर सेफ्टी उपकरण और स्वच्छता की व्यवस्था को अनिवार्य किया है। राजस्व मंडलायुक्त या सचिव की अध्यक्षता में अंतर-विभागीय समन्वय बैठकों में दिल्ली पुलिस, जल बोर्ड, दमकल सेवा, एमसीडी, स्वास्थ्य, डीडीए, परिवहन और बिजली विभाग शामिल होंगे।

मुफ्त बिजली और सत्यापन प्रक्रिया

प्रत्येक पंजीकृत समिति को 1200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। सरकार का कहना है कि पिछले वर्षों में किसी भी शिविर ने 1000 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग नहीं किया। एसडीएम या तहसीलदार द्वारा जियो-टैग फोटो के साथ शिविरों का सत्यापन होगा। आयोजन की तारीख से तीन महीने के भीतर बिल और ऑडिट रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य होगा। गड़बड़ी या फर्जीवाड़े की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यातायात और सुरक्षा के लिए व्यवस्था

दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात और सुरक्षा के लिए पुलिस व अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय की योजना बनाई है। पैदल यात्रा करने वाले शिवभक्तों की सुविधा के लिए सिविल डिफेंस और होमगार्ड के वॉलंटियर्स तैनात किए जाएंगे।

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दिल्ली सरकार (Delhi Government) का दावा है कि यह फैसला ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ की नीति के तहत लिया गया है। पूर्ववर्ती सरकारों में टेंडर प्रणाली के जरिए भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए सरकार ने कहा कि पुरानी व्यवस्था में करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद शिवभक्तों को सुविधाएं नहीं मिलती थीं। नई नीति के तहत पारदर्शिता, सरलता और समयबद्धता के साथ आर्थिक मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक आयोजन को भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से मुक्त करते हुए शिवभक्तों की सेवा और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।