कुछ समझ नहीं आ रहा है… पहले जी के मालिक सुभाष चंद्रा राज्यसभा चुनाव हार जाते हैं उसके बाद धीरे धीरे सुधीर चौधरी के पर कतरने चालू हो जाते हैं और उनसे जिम्मेदारियां लेनी चालू हो जाती हैं उसके बाद सुधीर चौधरी से उनका चर्चित शो डीएनए ले लिया जाता है और एक नया एंकर रोहित रंजन उस शो की एंकरिंग करने लगता है।
फिर अचानक सुधीर चौधरी भरे मन से इस्तीफा दे देते हैं और इस्तीफे में लिखते हैं कि मैंने इस संस्था को अपना 100% दिया है और आज इस मुकाम तक ले कर आया हूं और अब मैं कोई नया वेंचर चालू करूंगा जो अपने लिए होगा।
इस्तीफे के जवाब में सुभाष चंद्रा लिखते हैं कि मैंने सुधीर को मनाने की 2 दिन तक कोशिश की लेकिन वह अपना ही कोई वेंचर लाना चाहता है तो उसके भविष्य के लिए मंगल कामनाएं जैसी ही इस्तीफा मंजूर किया जाता है वैसे ही उसी रात जी पर राहुल गांधी को लेकर एक गलत खबर चलती है।
इसके बाद उस खबर के वाचक एंकर रोहित रंजन पर एफ आई आर दर्ज की जाती है और छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित रंजन को गिरफ्तार करने उसके घर सुबह-सुबह पहुंच जाती है लेकिन किसी ना किसी तरह रोहित रंजन छत्तीसगढ़ पुलिस के हाथ नहीं लगते और उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अपने साथ ले जाती है।
इसमें ऐसा लगता है कि पूरा प्रकरण सुधीर चौधरी के इस्तीफे से जुड़ा है जहां एक तरफ सुधीर चौधरी कहते हैं कि मैंने डीएनए को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया वहीं उनके इस्तीफा देते ही उसी डीएनए की एक खबर के बाद क्रेडिबिलिटी जमीन पर आ जाती है। ग़लत खबर के बाद सिर्फ डीएनए ही नहीं ज़ी न्यूज़ और सुभाष चंद्रा पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाता है।
रजत अमरनाथ-