ज्योति शिंदे, एडिटर, खबरीमीडिया
कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जिसकी पहचान अगर सही समय पर ना हुई तो वो इंसान को मौत के मुंह तक ले जाती है।आमतौर पर भारतीय महिलाओं में आमतौर पर सर्वाइकल, ब्रेस्ट, यूट्रस, कोलोरेक्टल, अंडाशय का कैंसर पाया जाता है। खासर सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़ों और किडनी तक फैल जाता है। आंकड़ों की मानें तो यह ब्रेस्ट कैंसर के बाद 50% महिलाओं में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
आमतौर पर घर गृहस्थी के कामों में उलझी महिलाएं अपना ख्याल भी कहा रख पाती हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी होने की वजह से वो अपनी हेल्थ को इग्नोर कर देती हैं नतीजा कई बार वो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की शिकार हो जाती हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता।
महिलाओं को इन्हीं बीमारियों से बचाने और जागरूक करने के लिए City Spidy और मदरहुड हॉस्पिटल(Motherhood hospital) ने साथ मिलकर एक मुहिम छेड़ रखी है जिसमें NEFOWA की Vice President रंजना सूरी भारद्वाज अहम रोल निभा रही हैं। साथ ही महिलाओं को एकजुट और जागरूक करने का काम भी कर रही हैं।
जिसका फायदा उन महिलाओं को मिल रहा है जो अभी तक ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पर्सनल हाइजिन और यौन समस्याओं से जुड़ी समस्याओं पर बात करने में हिचक रही थी। आज वो City Spidy और मदरहुड हॉस्पिटल के सेमिनार का हिस्सा बनकर ना सिर्फ सभी मुद्दों पर खुलकर बात कर रही हैं बल्कि डॉक्टर से उचित सलाह भी ले रही हैं।
हाल ही में महिलाओं को जागरूक करने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर गायनाकोलोजिस्ट(Senior Gynaecologist) डॉ तनवीर आहूजा ने महिलाओं से संबंधित तमाम बीमारियों और उनसे कैसे बचें इसकी जानकारी दी। जिसमें सर्वाइकल कैंसर समेत दूसरे कैंसर की भी जानकारी दी गई।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
गर्भाश्य ग्रीवा एक सरफेस से कवर होती है, जिसके सेल्स में कैंसर कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। यह बीमारी ज्यादातर ह्यूमन पैपीलोमा वायरस के कारण होती है। एक सर्वे के मुताबिक, भारत में सर्वाइकल कैंसर से हर 8 मिनट में एक महिला की मृत्यु हो जाती है, जिसका सबसे बड़ा कारण जागरूकता की कमी है जबकि इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
किन महिलाओं को अधिक खतरा?
30-45 की उम्र में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का सबसे अधिक खतरा होता है। इसके अलावा
. गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करना
. अल्कोहल और सिगरेट पीना
. एचपीवी संक्रमण के कारण
. ह्यूमन पैपीलोमा वायरस
. कम उम्र में मां बनना
. बार-बार प्रेग्नेंट होना
. और असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण महिलाएं इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
– पीरियड्स अनियमित
– असामान्य रक्तस्राव
– व्हाइट डिस्चार्ज
– बार-बार यूरिन आना
– पेट के निचले हिस्से व पेडू में दर्द या सूजन
– बुखार, थकावट
– भूख न लगना
– वैजाइना से लाइट पिंक जेलनुमा डिसचार्ज
सबसे जरूरी चेकअप
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए सबसे जरूरी है नियमित चेकअप। महिलाओं को चाहिए कि वह साल में 2 या 3 साल में 1 बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाएं, ताकि समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके। इसके अलावा HPV इंजेक्शन लगाना ना भूलें।
असुरक्षित शारीरिक संबंध
असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से बचे और एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध ना बनाएं।
नशीली वस्तुओं से दूर रहें
धूम्रपान, शराब जैसी नशीली वस्तुओं से जितना हो सके दूरी बनाकर रखें। इनमें निकोटीन होता है, जो गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होकर कैंसर सेल्स को बढ़ावा देता है।
हैल्दी डाइट लें
अपनी डाइट में फल, सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट्स, फाइबर फूड्स, साबुत अनाज, दही, सूखे मेवे, बीन्स आदि अधिक लें। साथ ही जंक फूड्स और बाहरी चीजों से दूरी बनाकर रखें।
योग व एक्सरसाइज
रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज और योग करें। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी भी ज्यादा से ज्यादा करें और भोजन के बाद भी 10 मिनट जरूर टहलें।
मोटापा करें कंट्रोल
सबसे जरूरी बात अपना मोटापा कंट्रोल में रखें क्योंकि यह सिर्फ कैंसर ही नहीं बल्कि कई बीमारियों की जड़ है।
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