Budget 2024: नए और पुराने टैक्स स्लैब में क्या बदलाव..पढ़िए डिटेल

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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट 2024 पेश कर दिया। बजट (Budget) पेश करते हुए वित्त मंत्री ने सरकार की 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि रूफटॉप सोलराइजेशन (Rooftop Solarization) की मदद से 1 करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली (Electricity) दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र सरकार ने पिछले 10 साल में महिलाओं के सशक्तिकरण (Empowering) के लिए काम किया है।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत 70 फीसदी घर महिलाओं के नाम पर दिए गए। वित्त मंत्री ने कहा कि 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बना दिया गया है। इसके बाद 3 करोड़ महिलाओं को लक्ष्य लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

जानिए अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने क्या कहा?

अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण (Sitharaman) ने कहा कि इनकम टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। इसके तहत डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल इनकम टैक्स रिटर्न का प्रोसेसिंग टाइम 2013-14 के 93 दिन से घटकर सिर्फ 10 दिन रह गई है।

सरकार ने एक करोड़ टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को लाभ पहुंचाने के लिए 2009-10 तक 25, 000 रुपये तक की टैक्स डिमांड वापस लेने का प्रस्ताव किया है।

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बता दें कि टैक्सपैयर्स सरकार से अंतरिम बजट (Interim Budget) में इनकम टैक्स छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन फिलहाल इनकम टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी गई है।

इससे पहले वित्त मंत्री ने 1 फरवरी 2023 को वार्षिक बजट पेश करते हुए न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में बदलाव की घोषणा की थी। नए इनकम टैक्स रिजीम के तहत टैक्स रिबेट की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया था। न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत 7 लाख रुपये से कम आय वालों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट है। इसके अलावा न्यू टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की गई थी।

वहीं पुरानी व्यवस्था के तहत कर का भुगतान करने वालों के लिए छूट की सीमा 5 लाख रुपये बनी हुई है।

नए इनकम टैक्स रिजीम (New Income Tax Regime) के तहत टैक्स स्लैब्स 6 से घटाकर 5 किया गया था। इनकम टैक्स की स्लैब को 2.5-2.5 लाख से बदलकर 3-3 लाख रुपये किया गया। जिसमें 3 लाख के बाद यानी 3 से 6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा।

6 से 9 लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी और 9 से 12 लाख रुपये तक की आय पर अब 15 फीसदी इनकम टैक्स वसूला जाएगा। 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर टैक्सपेयर को 20 फीसदी इनकम टैक्स चुकाना होगा। और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर पहले की ही तरह 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा।

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इनकम टैक्स स्लैब की मौजूदा दरें इस प्रकार हैं

पुरानी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रेट

शून्य से 2,50,000 रुपये कोई कर नहीं
2,50,001 से 5,00,000 रुपये 5%
5,00,001 से 10,00,000 रुपये 20%
10,00,001 रुपये से अधिक 30%

न्यू इनकम टैक्स स्लैब के तहत रेट

शून्य से 3,00,000 रुपये कोई कर नहीं
3,00,001 से 6,00,000 रुपये 5%
6,00,001 से 9,00,000 रुपये 10%
9,00,001 से 12,00,000 रुपये 15%
12,00,001 से 15,00,000 रुपये 20%
15,00,001 से अधिक 30%

बता दें कि नए टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में पुरानी टैक्स व्यवस्था की तरह निवेश पर छूट का प्रावधान नहीं है। नई टैक्स व्यवस्था उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, PPF, NSC जैसे सेविंग स्कीम्स में निवेश नहीं करते हैं।

जानिए नई और पुरानी इनकम टैक्‍स रिजीम के बीच अंतर

आय की सीमा: नई व्यवस्था में आय की सीमा पुरानी व्यवस्था की तुलना में ज्‍यादा है। उदाहरण के लिए नई व्यवस्था में 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्‍स (Tax) नहीं लगता है। जबकि पुरानी व्यवस्था में 0 से 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्‍स नहीं लगता था।

टैक्‍स दरें: नई व्यवस्था में टैक्‍स दरें पुरानी व्यवस्था (Old System) की तुलना में कम हैं। उदाहरण के लिए नई व्यवस्था में 3 लाख से 6.5 लाख रुपये तक की आय पर 5% की कर दर लागू होती है। जबकि पुरानी व्यवस्था में 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5% की कर दर लागू होती थी।

कटौती: नई व्यवस्था (New System) में कटौतियों की संख्या पुरानी व्यवस्था की तुलना में कम है। उदाहरण के लिए नई व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है, जबकि पुरानी व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये थी।