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Bihar News: प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए बिहार को मिलेंगे 22 हज़ार युवा आपदा मित्र

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Bihar News: बिहार अब प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए युवा शक्ति से लैस होने जा रहा है।

Bihar News: बिहार अब प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) से निपटने के लिए युवा शक्ति (Youth Power) से लैस होने जा रहा है। राज्य सरकार की योजना के तहत 22 हज़ार नए ‘आपदा मित्र’ (Disaster Friends) तैयार किए जा रहे हैं, जो बाढ़, भूकंप और वज्रपात जैसी आपात परिस्थितियों में प्रशासन (Administration) के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों को अंजाम देंगे।

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आपको बता दें कि बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) ने इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत कर दी है। इसके तहत 22 हज़ार नए युवा (New Youth) आपदा मित्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की संख्या 9,500 से बढ़कर 32,000 से अधिक हो जाएगी। ये स्थानीय युवा संकट के समय जिला प्रशासन के साथ मिलकर त्वरित राहत और बचाव कार्य शुरू करेंगे।

कैसे होगा चयन और प्रशिक्षण?

नए आपदा मित्रों का चयन NCC, NSS, नेहरू युवा केंद्र और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स जैसे स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से होगा। चयनित कैडेट्स और वॉलंटियर्स को पांच दिवसीय बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी।

जल-प्रलय प्रबंधन: तेज धार में रेस्क्यू, बोट संचालन, लाइफ जैकेट और रोप-थ्रो तकनीक।

भूकंप बचाव: ढहे ढांचों से निकासी, प्राथमिक चिकित्सा और दमकल समन्वय।

अगलगी और वज्रपात: फायर सेफ्टी ड्रिल और बिजली गिरने पर त्वरित कदम।

संचार: HAM रेडियो, व्हाट्सएप कम्युनिटी और सैटेलाइट फोन का उपयोग।

प्रशिक्षण (Training) के बाद सभी आपदा मित्रों को 3 साल का समूह बीमा कवर मिलेगा। हादसे में नुकसान होने पर 1 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।

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भत्ते और तैनाती की व्यवस्था

आपदा मित्रों (Disaster Friends) की तैनाती जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के अधीन होगी। सक्रिय ड्यूटी के दौरान उन्हें 450 से 750 रुपये प्रतिदिन का भत्ता मिलेगा, जिसका भुगतान राज्य आपदा मोचक निधि (SDRF) से होगा।

हाई-रिस्क क्षेत्रों पर विशेष ध्यान

बिहार के 29 जिले बाढ़-संवेदनशील और 15 अति-संवेदनशील हैं। साथ ही, राज्य का 15.2 प्रतिशत भू-भाग भूकंप के जोन-5, देश के सबसे खतरनाक क्षेत्र में आता है। BSDMA की योजना है कि नए आपदा मित्र इन हाई-रिस्क गांवों और शहरी बस्तियों से चुने जाएं, जिससे आपदा के समय तत्काल स्थानीय स्तर पर कार्रवाई हो सके। दक्षिण बिहार के सूखा-प्रभावित जिलों में इन स्वयंसेवकों को जल संरक्षण और फसल बीमा जागरूकता जैसे कार्यों में भी लगाया जाएगा।

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नई उम्मीद के साथ सामुदायिक भागीदारी

बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) ने साबित किया है कि सामुदायिक भागीदारी के बिना कोई योजना पूरी तरह प्रभावी नहीं हो सकती। 22 हज़ार नए आपदा मित्रों के जुड़ने से बिहार न केवल आपदाओं के प्रति अधिक सहनशील बनेगा, बल्कि युवाओं को सेवा, नेतृत्व और भत्ते के रूप में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।