Bihar: सीएम नीतीश ने कहा, ‘हमलोग महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
Bihar News: बिहार में दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को मतदान होना है और चुनाव प्रचार (Election Campaign) का आज आखिरी दिन है। इस अवसर पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों को विस्तार से बताया। सीएम ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय थी। महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर नहीं निकल पाती थीं और शाम 6 बजे के बाद सड़कों पर उनका निकलना असुरक्षित था। पढ़िए पूरी खबर…

2005 के बाद महिला सशक्तिकरण की शुरुआत
सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को जब नई सरकार बनी, तभी से महिलाओं के उत्थान को प्राथमिकता दी गई। महिला शिक्षा, रोजगार और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में लगातार काम किया गया। उन्होंने कहा, ‘हमलोगों ने महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं।’
पंचायती राज और नगर निकायों में 50% आरक्षण
वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। अब तक चार चुनाव हो चुके हैं और बड़ी संख्या में महिलाएं मुखिया, सरपंच, पार्षद, मेयर और अध्यक्ष जैसे पदों पर निर्वाचित हो चुकी हैं। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह ‘बिहार में सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण’ है।

पुलिस और सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण
महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए 2013 में पुलिस भर्ती में 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया। बाद में 2016 से यह आरक्षण सभी सरकारी नौकरियों में लागू किया गया। प्राथमिक शिक्षक नियुक्तियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिला। इसके अलावा, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में 33 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित की गईं।

कन्या उत्थान और शिक्षा योजनाएं
बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। कन्या उत्थान योजना के तहत जन्म से लेकर स्नातक तक बेटियों को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके तहत जन्म पर 2,000 रुपए, एक साल की उम्र में 1,000 रुपए और दो साल की उम्र में 2,000 रुपए दिए जाते हैं। शिक्षा के दौरान पोशाक और किताबें मुफ्त प्रदान की जाती हैं, 9वीं कक्षा में साइकिल के लिए 3,000 रुपए और मैट्रिक, इंटर, स्नातक पास करने पर क्रमशः 10,000, 25,000 और 50,000 रुपए दिए जाते हैं। कुल मिलाकर जन्म से स्नातक तक बेटियों को 94,100 रुपए तक की सहायता मिलती है।

स्वास्थ्य और मातृ-शिशु कल्याण
सीएम ने कहा कि 2005 से पहले महिलाओं को प्रसव के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती थीं। अब जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को 1,400 रुपए और शहरी महिलाओं को 1,000 रुपए डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में दिए जाते हैं। इस योजना से संस्थागत प्रसव बढ़ा है और मातृ-शिशु मृत्यु दर में लगातार कमी आई है। शिशु मृत्यु दर घटकर 27 और मातृ मृत्यु दर 118 हो गई है। टीकाकरण का आच्छादन भी 18 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
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स्वयं सहायता समूह और महिला उद्यमिता
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2006 में विश्व बैंक से ऋण लेकर जीविका नामक स्वयं सहायता समूह बनाए गए। अब तक 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। महिलाएं जैविक खेती, मछली पालन, मधुमक्खी पालन और उद्यमिता से जुड़े काम कर रही हैं। दीदी की रसोई के माध्यम से लोगों को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
हाल ही में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपए दिए गए हैं। डेढ़ महीने में 1 करोड़ 41 लाख महिलाओं के खाते में राशि भेज दी गई। इस योजना से महिलाओं को आगे 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता भी मिलेगी।
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सामाजिक सुधार और शराबबंदी
सीएम ने कहा कि महिलाओं को प्रभावित करने वाली सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कदम उठाए गए हैं। राज्य में शराबबंदी लागू की गई और बाल विवाह व दहेज प्रथा को समाप्त करने पर जोर दिया गया।

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अंत में कहा, ‘हमलोग महिलाओं के उत्थान, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हम जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। जय बिहार!’
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दूसरे चरण की तैयारी तेज
बिहार में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान को और तेज कर दिया है, वहीं सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जनता से फिर अपील की है कि वे एक बार फिर लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर भाग लें।

