सुपरटेक इको विलेज के फ़्लैट ख़रीदारों के लिए बड़ी और ज़रूरी ख़बर

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा

Greater Noida West: सुपरटेक इको विलेज के फ़्लैट ख़रीदारों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि ईआरपी ने सुपरटेक इको विलेज-2 (Supertech Eco Village-2) के अधूरे फ्लैट पूरे करने के लिए नया प्रस्ताव तैयार कर एनसीएलटी (NCLT) में सौंप दिया है। नए प्रस्ताव में खरीदारों से ही धन लेकर प्रोजेक्ट को पूरा करने की बात कही गई है। प्रस्ताव पर आईआरपी ने एनसीएलटी से दिशा-निर्देश मांगे हैं। सोसाइटी के लोग इस प्रस्ताव के विरोध कर रहे हैं, सोसाइटी के लोग पैसा देने के पक्ष में नहीं हैं।
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ग्रेटर नोए़डा वेस्ट (Greater Noida West) के सुपरटेक इको विलेज-2 को लेकर एनसीएलटी में दिवालिया प्रक्रिया शुरू है। प्रोजेक्ट पर पौने दो वर्ष पहले आईआरपी (IRP) की नियुक्ति हुई थी, लेकिन इस अधूरे प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू नहीं हो पाया। आईआरपी हितेश गोयल ने बताया कि वांइटस कंपनी ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक प्रस्ताव दिया है, इस प्रस्ताव में कहा गया है कि पहले से फ्लैटों में रह रहे लोगों से 400 रुपये प्रति स्कवायर फीट पैसे लिए जाएं।
जिन लोगों के फ्लैट का काम पूरा नहीं है, उनसे 1200 रुपये प्रति वर्ग फीट लिए जाए। इस धन से प्रोजेक्ट का काम पूरा किया जाए। इस प्रस्ताव को उन्होंने एनसीएलटी में जमा कर दिया है और न्यायालय से आगे के दिशा-निर्देश मांगे हैं।
न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ही आगे का काम होना है। हालांकि, अगर सोसाइटी के लोग प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करेंगे तो यह प्रस्ताव खारिज कर दिया जाएगा और फिर प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए किसी नई योजना पर विचार होगा। वोटिंग भी न्यायालय के आदेश पर ही होनी है।
इस प्रस्ताव पर खरीदारों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट साल 2013 में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन 10 साल का समय गुजर गया और यह अभी भी अधूरा है। ऐसे में वह और धन क्यों दें, वे तो अपने फ्लैट की पूरी तय कीमत दे चुके हैं, लेकिन अभी तक भी उन्हें घर नहीं मिला। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में और समय लग सकते हैं।
सुपरटेक का यह प्रोजेक्ट साल 2009-10 में लॉन्च हुआ था, जिसमें 3600 फ्लैटों का निर्माण होना था। इन्हें तीन वर्ष में पूरा करने का दावा था। अभी तक यहां पर सिर्फ 2500 फ्लैटों का ही निर्माण हो सका है, जिनमें से पूरे बन चुके करीब 1500 फ्लैटों में लोग रह रहे हैं। अन्य फ्लैटों को निर्माण अधूरा है।