Cocacola के शौकीनों के लिए बड़ी और बुरी ख़बर

दिल्ली NCR बिजनेस

Jyoti Shinde,Editor

अगर आप भी कोका-कोला(Cocacola) के शौकीन हैं तो थोड़ा संभल जाइए। क्योंकि इस कोल्डड्रिंक्स के बारे में जो जानकारी सामने आ रही है वो वाकई हैरान करने वाली है। WHO (world health organization) के रिसर्च में आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

pic-social media

न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार WHO की रिसर्च में दुनिया के सबसे आम आर्टिफिशियल स्वीटनर में से एक एस्पार्टेम (Aspartame) के कैसरजन होने की जानकारी मिली है। इसका मतलब है कि एस्पार्टेम के सेवन से कैंसर होने का खतरा है। एस्पार्टेम का इस्तेमाल कोका-कोला के डायट सोडा से लेकर मार्स एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ अन्य ड्रिंक्स में होता है। इसे जुलाई में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा पहली बार संभवतः मनुष्यों के लिए कैंसरकारी के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा।

पता नहीं एस्पार्टेम युक्त कितने प्रोडक्ट का सेवन है सुरक्षित

अभी यह नहीं बताया गया है कि एस्पार्टेम युक्त कितने उत्पाद का एक इंसान सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकता है। एक व्यक्ति किसी नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ का कितना सेवन कर सकता है यह सुक्षाव राष्ट्रीय नियामकों के निर्धारण के साथ-साथ खाद्य योजकों पर एक अलग WHO विशेषज्ञ समिति द्वारा दिया जाता है। इसे JECFA (Joint WHO and Food and Agriculture Organization’s Expert Committee on Food Additives) द्वारा दिया जाता है।

एस्पार्टेम के इस्तेमाल की JECFA कर रही समीक्षा

एडिटिव्स पर डब्ल्यूएचओ की समिति JECFA इस साल एस्पार्टेम के इस्तेमाल की समीक्षा कर रही है। 1981 में JECFA ने कहा था कि एक सीमा के भीतर रोज अगर एस्पार्टेम का सेवन किया जाता है तो यह सुरक्षित है। उदाहरण के लिए 60 किलोग्राम वजन वाला एक वयस्क अगर दिन में 12-36 कैन डाइट सोडा (एस्पार्टेम की मात्रा के अनुसार) पीता है तो वह जोखिम उठा रहा है।

कोल्ड ड्रिंक की छोटी बोतल में 10 चम्मच चीनी
एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक 350 ml की छोटी कोल्ड ड्रिंक्स कैन में भी 10 से 12 चम्मच चीनी घुली होती है। दूसरी ओर, WHO की एक रिपोर्ट कहती है कि दिन में 5-6 चम्मच से ज्यादा चीनी खाना खतरनाक है।

यानी कोल्ड ड्रिंक्स की एक छोटी बोतल पीने के बाद आप अपने दो से तीन दिनों की चीनी का कोटा पूरा कर लेते हैं। न्यू हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (HSPH) की एक रिपोर्ट (2015) के मुताबिक हर साल लगभग 2 लाख मौतों के लिए ऐसी ड्रिंक्स सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। गौरतलब है कि एस्पार्टेम का व्यापक अध्ययन किया गया है। पिछले साल फ्रांस में 100,000 वयस्कों के बीच स्टडी से पता चला कि जो लोग बड़ी मात्रा में आर्टिफिशियल स्वीटनर (जिसमें एस्पार्टेम भी शामिल है) का सेवन करते हैं उनमें कैंसर का खतरा थोड़ा अधिक था

READ: khabrimedia- Top news-Latest Business news- News-Noida news-latest greater Noida news-latest greater Noida news-latest Noida extension news-latest Delhi Ncr news- Big news of today-Daily News-Greater Noida Society news-Greater Noida News in Hindi