Haldwani Violence: हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि हल्द्वानी हिंसा (Haldwani Violence) को लेकर नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह (DM Vandana Singh) ने विस्तार से जानकारी दी। डीएम ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर नगर निगम (Municipal council) की टीम अवैध अतिक्रमण (illegal encroachment) के खिलाफ अभियान चला रही थी। इस अभियान में किसी को टारगेट नहीं किया गया था और ना ही दोनों ढांचे किसी धार्मिक या शैक्षणिक स्थल के रूप में दर्ज ही थे। डीएम ने भीड़ की ओर से की गई हिंसा की जानकारी देते हुए कहा कि थाने पर भी हमला किया गया और पुलिसकर्मियों को जिंदा जालने का प्रयास किया गया।
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डीएम वंदना सिंह (DM Vandana Singh) ने आगे बताया कि आधिकारिक तौर पर दो मौतों की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में चार मौतों की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में वेरिफाई किया तो जानकारी आई कि 2 लोगों की जान गई है। कृष्णा अस्पताल में दो शव पहुंचे थे। इन्हें रिसीव नहीं किया गया और एसटीएच भेजा गया। दोनों जगह गिनती हो जाने के कारण 4 शव बताने की कंफ्यूजन हुई थी।
डीएम ने बताया कि थाने को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की गाड़ियों को आग में झोंक दिया गया। पत्रकारों की गाड़ियों को भी जलाया गया है। डीएम ने साफ किया कि यह सांप्रदायिक घटना नहीं है, बल्कि स्टेट मशीनरी को टारगेट और चैलेंज किया गया है। डीएम वदंना सिंह ने आगे कहा कि नुकसान का वृस्तृत आकलन किया जा रहा है। उन्होंने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन की चेतावनी भी दी।
डीएम ने बताया कि पुलिस थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों और अफसरों को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। वंदना सिंह (DM Vandana Singh) ने कहा कि जब पेट्रोल बम फेंके गए, आगजनी की घटनाएं शुरू हुई और उसके बाद भी टीमें पीछे नहीं हटीं तो भीड़ ने थाने का घेराव करने लगे। थाने में मजिस्ट्रेट थे, पुलिसकर्मी थे। अधिकारी थे और हथियार थे। थाने में बैठे लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम फेंके जाने लगे। वाहनों में आग लगा दी गई। धुआं थाने में भर गया। थाने के भीतर लोगों का दम घुटने लगा। लोगों को वहां से हटने की बार बार चेतावनी दी जा रही थी। पानी की की बौछार भी की गई जिससे आग बुझाई जा सके। जब भीड़ नहीं हीं तो हथियारों से फायरिंग की गई। इसके बाद फोर्स इस्तेमाल करने का आदेश दिया गया। कर्फ्यू लगाया गया। कमर के नीचे गोली मारने का आदेश भी जारी किया गया है।
कोर्ट के आदेश पर चल रहा था अभियान
डीएम ने आगे कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार नगर-निगम अतिक्रमण हटाने में लगा था। किसी को उकसाया नहीं गया। 15-20 दिन से हल्द्वानी के अलग-अलग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया जा रहा था। सरकारी संपत्तियों की मैपिंग की जा रही है और कब्जे खत्म कराए जा रहे हैं। नगर-निगम की संपत्तियों को खाली कराने का अभियान चल रहा था। सड़कों से अतिक्रमण हटाए गए थे। सभी को नोटिस भी दिया गया था। सभी को सुनवाई का मौका दिया गया था। कुछ लोग कोर्ट भी गए थे। जिन्हें स्टे नहीं मिला था उनके खिलाफ ऐक्शन चल रहा था। किसी एक परिसंपत्ति को टारगेट नहीं किया गया था।