Apple Share: कभी-कभी किस्मत ऐसा मोड़ लेती है कि इंसान के पास से करोड़ों-अरबों की दौलत महज कुछ कदम दूर से ही लौट जाती है।
Apple Share: कभी-कभी किस्मत इंसान के बिल्कुल करीब आकर भी हाथ नहीं आती। एक छोटा-सा फैसला या डर, इंसान को वो मौका गंवा देता है, जो पूरी जिंदगी बदल सकता था। ऐसा ही हुआ रोनाल्ड वेन (Ronald Wayne) के साथ, जिन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एप्पल (Apple) में अपना हिस्सा मात्र दो लाख रुपये (800 डॉलर) में बेच दिया था। अगर वेन ने यह हिस्सा नहीं बेचा होता, तो आज उनकी नेटवर्थ 26.1 लाख करोड़ रुपये होती और वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल होते। पढ़िए पूरी खबर…

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एप्पल की स्थापना में वेन की अहम भूमिका
आपको बता दें कि रोनाल्ड वेन (Ronald Wayne) एप्पल के तीसरे सह-संस्थापक थे। वे स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) और स्टीव वोज़नियाक (Steve Wozniak) के घनिष्ठ मित्र थे। 1976 में जब जॉब्स ने एप्पल शुरू करने की योजना बनाई, तो उन्होंने वोज़नियाक को साथ लाने का जिम्मा रोनाल्ड वेन को सौंपा। उस वक्त वेन Atari कंपनी में काम कर रहे थे और दोनों के सलाहकार के रूप में माने जाते थे।
वेन ने ही एप्पल कंपनी (Apple Company) को कानूनी रूप से स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने कंपनी का अनुबंध तैयार किया, सभी कानूनी दस्तावेज बनाए और कंपनी की दिशा तय की। उनके योगदान के बदले में उन्हें एप्पल में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई, जबकि जॉब्स और वोज़नियाक को 45-45 प्रतिशत शेयर मिले।
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सिर्फ 12 दिन बाद छोड़ दी कंपनी
लेकिन यह साझेदारी लंबे समय तक नहीं चली। सिर्फ 12 दिन बाद, रोनाल्ड वेन (Ronald Wayne) ने एप्पल छोड़ने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी 800 डॉलर (करीब दो लाख रुपये) में बेच दी। बाद में किसी भी कानूनी दावे से मुक्त होने के लिए उन्हें 1,500 डॉलर अतिरिक्त दिए गए। उस समय शायद वेन को अंदाजा भी नहीं था कि उनका यह फैसला इतिहास की सबसे बड़ी आर्थिक भूल बन जाएगा।
कर्ज के डर ने बदला फैसला
वेन के कंपनी छोड़ने की मुख्य वजह कर्ज का डर था। उस वक्त एप्पल के पास पूंजी बहुत कम थी और स्टीव जॉब्स ने ‘Byte Shop’ नाम की दुकान से 50 कंप्यूटरों का ऑर्डर पूरा करने के लिए 15 हजार डॉलर का कर्ज लिया था। यह वही दुकान थी जो पहले भी कई बार अपने सप्लायर्स को भुगतान नहीं कर पाई थी।
वेन ने 2017 के एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने सोचा अगर हमें पैसे नहीं मिले तो हम वो 15 हजार डॉलर कैसे लौटाएंगे? जॉब्स और वोज़नियाक के पास तो कुछ नहीं था, लेकिन मेरे पास घर, कार और बैंक अकाउंट था। अगर कुछ गलत होता, तो नुकसान मेरा होता।’ यही डर उनके एप्पल से अलग होने की असली वजह बना।
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आज होते दुनिया के सबसे अमीर
अगर रोनाल्ड वेन (Ronald Wayne) ने उस वक्त अपना हिस्सा नहीं बेचा होता, तो आज वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति होते। मौजूदा समय में एप्पल का मार्केट कैप लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर (250 ट्रिलियन रुपये) है। इस हिसाब से उनका 10 प्रतिशत हिस्सा करीब 300 अरब डॉलर (26.1 लाख करोड़ रुपये) का होता। यानी वे स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स या एलन मस्क से भी अधिक संपत्ति के मालिक होते।

