UP News: उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए खुशखबरी है। अब यूपी में नोएडा (Noida) की ही तरह एक और शहर बसाया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल (Uttar Pradesh Cabinet) ने मंजूरी भी दे दी है। नोएडा की ही तर्ज पर बुंदेलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Bundelkhand Industrial Development Authority) के गठन की अधिसूचना को मंगलवार को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इससे पहले 1976 में नोएडा नाम से एक नए शहर के गठन का निर्णय लिया गया था। अब 47 साल बाद एक और नए शहर की स्थापना का फैसला किया गया है। इस शहर को बसाने के लिए झांसी (Jhansi) जिले के 33 गांवों को शामिल करके बीडा का गठन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक निर्णय से बुन्देलखण्ड के बहुआयामी विकास को रफ्तार मिलेगी।
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प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये इस खास फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में झांसी के 33 गांवों को शामिल करते हुए बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी बीडा के गठन के लिये पेश अधिसूचना के आलेख को अनुमोदित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 2022-23 के अनुपूरक बजट में ‘मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण/नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना’ के तहत बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन के लिए 5 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत झांसी में बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा नोएडा की तर्ज पर एक नई औद्योगिक टाउनशिप विकसित की जाएगी।
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि बीडा का मुख्यालय झांसी में होगा। इस विकास प्राधिकरण की योजना अन्तरराष्ट्रीय स्तर की औद्योगिक टाउनशिप के तौर पर विकसित करने के हिसाब से बनायी जाएगी। इसी क्षेत्र में एक एयरपोर्ट भी बनाया जाएगा। खन्ना ने बताया कि प्रस्तावित नयी औद्योगिक टाउनशिप (township) के जरिये उद्योगों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थाओं, अन्य सेक्टर से सम्बन्धित संस्थाओं के विकास, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं आवासीय परिसर के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बीडा द्वारा पहले चरण में झांसी-ग्वालियर मार्ग और झांसी-बबीना-ललितपुर रोड के बीच पड़ने वाले 33 गांवों की जमीन अधिग्रहीत कर उस पर औद्योगिक टाउनशिप स्थापित की जाएगी। इन 33 गांवों में करीब 35,000 एकड़ जमीन उपलब्ध है। झांसी के जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव के अनुसार, सभी गांवों की निजी भूमि की सर्किल दर का चार गुना एवं परिसम्पत्तियों का अनुमानित मूल्यांकन लगभग 6,312 करोड़ रुपये है। खन्ना ने कहा कि बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण गठित होने पर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा और जन सामान्य को क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इससे जन सामान्य को प्रत्यक्ष लाभ होगा।