गजब का इंश्योरेंस! गर्मी बढ़ने पर काम छोड़ देते हैं मजदूर लेकिन फिर भी मिलता है पैसा

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Amazing Insurance Policy News: देशभर के कई इलाकों में इस बार रिकॉर्डतोड़ गर्मी (Heat) पड़ रही है। कई इलाकों में तापमान (Temperature) 45 डिग्री के पार चला गया है। जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के कारण लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उनके पास अब दो ही विकल्प हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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जिनमें आप खतरनाक परिस्थितियों में काम करें या भूखे रहें। लेकिन ऐसी स्थिति में एक प्रोग्राम महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। इसने उन्हें एक तीसरा विकल्प दिया है। वे चिलचिलाती गर्मी में कम से कम कुछ घंटों के लिए काम करना बंद कर सकती हैं। उससे वह भीषण गर्मी से खुद को बचा लेंगी और उन्हें भूखों मरने की नौबत भी नहीं आएगी।

जानिए कैसे काम करती है यह स्कीम?

अहमदाबाद में जैसे ही तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस के पार हुआ, मकवाना और हजारों दूसरी महिलाओं को बताया गया कि इंश्योरेंस कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI Lombard) उन्हें उनके दैनिक वेतन का एक हिस्सा देगी। यह प्रोग्राम पैरामीट्रिक इंश्योरेंस का उपयोग करता है जो किसी विशेष पैमाने के हिट होने पर भुगतान करता है। जैसे कि रोजाना तापमान का बढ़ना। पिछले महीने भीषण गर्मी के दौरान देश के 22 जिलों में 46 हजार से ज्यादा महिलाओं को कुल 2,84,00,000 रुपये का भुगतान किया गया।

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इस प्रोग्राम में करीब 50 हजार महिलाएं एनरॉल हैं। मकवाना का इंश्योरेंस (Insurance) भुगतान 750 रुपये था, जो कुछ दिनों के लिए भोजन और दवाइयों के लिए पर्याप्त था। इसके अलावा उन्हें चैरिटी के रूप में अलग से 400 रुपये मिले थे। पहली बार तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने पर उन्हें यह राशि मिली थी।

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स्व-रोजगार महिला एसोसिएशन का लेबर यूनियन इंश्योरेंस प्रोग्राम (Labor Union Insurance Program) चलाता है। इसके प्रीमियम के एक हिस्से का भुगतान प्रोग्राम में एनरॉल महिलाएं करती हैं जबकि शेष हिस्सा चैरिटी द्वारा वहन किया जाता है। पायलट प्रोग्राम पिछले साल शुरू किया गया था और अप्रैल 2025 तक चलने वाला है। सभी के लिए जलवायु लचीलापन एक नॉन-प्रॉफिट संस्था है जो इस इंश्योरेंस प्रोग्राम को सपोर्ट कर रही है।

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इसकी सीईओ कैथी बॉगमैन मैकलियोड (Kathy Baughman McLeod) ने कहा कि यह प्रोग्राम सफल रहा है। चैरिटी की इस इंश्योरेंस प्रोग्राम को दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी अपनाने की योजना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय कार्यक्रम का सपोर्ट करने वाले फंडर्स अगले कुछ साल तक इसे मदद करते रहेंगे।

प्रीमियम कितना होगा?

इस प्रोग्राम का अंतिम टारगेट यह है कि सेवा (SEWA) से जुड़ी 29 लाख सदस्यों को इसमें शामिल किया जाए और इससे पूरी तरह से प्रीमियम का भुगतान करने वाली महिलाओं द्वारा फंड किया जा सके। SEWA की जनरल सेक्रेटरी रीमा नानावती ने कहा, ‘हमारा अनुभव यह है कि गरीब महिलाएं हमेशा चैरिटी नहीं चाहती हैं। जब वे देखेंगी कि यह प्रोग्राम उनकी गंभीर जरूरतों को पूरा कर रहा है, तो मुझे यकीन है कि महिलाएं कार्यक्रम में योगदान देना शुरू कर देंगी।’ उन्होंने कहा कि इस योजना में प्रत्येक महिला के लिए प्रीमियम हर महीने लगभग एक दिन की मजदूरी के बराबर होगा।