AI: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर जगह छाया हुआ है।
AI: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हर जगह छाया हुआ है। इससे कंपनियों का काम न केवल तेज हुआ है, बल्कि खर्च भी कम हुआ है और आउटपुट की क्वालिटी में भी सुधार आया है। लेकिन इसका एक दूसरा और चिंताजनक पहलू यह है कि AI के कारण युवाओं की नौकरियां खतरे में पड़ रही हैं। बता दें कि एक स्टडी के मुताबिक, 22 से 25 साल के युवाओं के लिए नौकरी पाने की संभावनाएं तेजी से कम हो रही हैं। पढ़िए पूरी खबर…

युवाओं के लिए नौकरी का संकट
स्टडी में खुलासा हुआ है कि एंट्री-लेवल की नौकरियां, जो युवाओं के करियर की शुरुआत का आधार होती थीं, अब तेजी से गायब हो रही हैं। AI टूल्स जैसे गिटहब कोपिलॉट और चैटबॉट्स ने बेसिक कोडिंग, डेटा एंट्री और कस्टमर कॉल्स जैसे काम अपने हाथ में ले लिए हैं। इसका सीधा असर 22-25 साल के नए प्रोफेशनल्स पर पड़ा है, जो नौकरी शुरू करने से पहले ही बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। बता दें कि पिछले तीन सालों में 13 प्रतिशत तक नौकरियां कम हुई हैं।
जूनियर कोडिंग पर सबसे ज्यादा असर
रिपोर्ट के मुताबिक, जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर की नौकरियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं। पहले कंपनियां नए ग्रेजुएट को बेसिक कोडिंग के लिए हायर करती थीं, लेकिन अब AI टूल्स ये काम सेकंडों में कर रहे हैं। नतीजतन, कंप्यूटर साइंस के नए ग्रेजुएट को अच्छी टेक नौकरियां मिलना मुश्किल हो रहा है। कई युवा मजबूरी में नॉन-टेक क्षेत्रों जैसे रेस्टोरेंट या फूड डिलीवरी जैसे काम करने को मजबूर हैं।
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2025 में 82 हजार से लोगों की नौकरी गई
एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 में 192 टेक कंपनियों ने 82 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। Intel ने 37 हजार (जनरवरी-अप्रैल 2025), माइक्रोसॉफ्ट ने 15 हजार (फरवरी-मई 2025), एचपी ने 2 हजार (फरवरी 2025) समेत कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
अनुभवी कर्मचारियों को फायदा
जबकि युवाओं की नौकरियां खतरे में हैं, अनुभवी पेशेवरों को AI से कोई नुकसान नहीं हुआ है। बल्कि, उनके लिए AI ने काम को और आसान बना दिया है। यह अंतर दिखाता है कि AI का प्रभाव नए और अनुभवहीन कर्मचारियों पर ज्यादा पड़ रहा है, जबकि अनुभवी लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।

AI को दोस्त बनाएं, दुश्मन नहीं
युवाओं के लिए यह जरूरी है कि वे AI को चुनौती के बजाय अवसर के रूप में देखें। विशेषज्ञों का सुझाव है कि युवा AI टूल्स का इस्तेमाल सीखें और अपने काम को बेहतर बनाने के लिए इसका उपयोग करें। केवल टेक्निकल स्किल्स ही नहीं, बल्कि सॉफ्ट स्किल्स जैसे प्रॉब्लम सॉल्विंग, कम्युनिकेशन और टीम वर्क भी महत्वपूर्ण हैं। डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और क्लाउड टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भविष्य की संभावनाएं ज्यादा हैं।
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नए स्किल्स और फ्रीलांसिंग का रास्ता
युवाओं को सलाह दी जा रही है कि वे लगातार नए स्किल्स सीखें और ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स या फ्रीलांसिंग के जरिए अनुभव हासिल करें। यह न केवल उनके रिज्यूमे को मजबूत करेगा, बल्कि नौकरी के इंटरव्यू में भी उन्हें बढ़त दिलाएगा। आज के दौर में केवल डिग्री काफी नहीं है, युवाओं को AI के साथ तालमेल बिठाकर काम करने की कला सीखनी होगी।

