पराली जलाने को लेकर पंजाब सरकार-किसानों में समझौता.. दर्ज की गई FIR और रेड एंट्री रद्द होगी

पंजाब

Punjab News: पंजाब में किसानों और पंजाब सरकार के बीच पराली जलाने को लेकर समझौता हो गया है। बता दें कि यूपी के 18 संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने पंजाब सरकार (Punjab Government) से मुलाकात कर पराली और भारत माला प्रोजेक्ट समेत अन्य अहम मांगों पर बात की। जिसके बाद सरकार किसानों के सामने नर्म नजर आई और उनकी अधिकतर मांगों को मान लिया गया है, वहीं कई पर आश्वासन देकर फिलहाल किसानों के गुस्से को शांत करा दिया गया है।
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बता दें कि मुकेरियां (Mukeriyaan) में प्रदर्शन के बाद सरकार ने किसानों के साथ बैठक की घोषणा की थी। संयुक्त किसान मोर्चा और उत्तर भारत के 18 किसान-मजदूर संगठनों के फोरम ने पंजाब सरकार के साथ बैठक पंजाब भवन चंडीगढ़ में मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) व कुलदीप सिंह धालीवाल (Kuldeep Singh Dhaliwal) की अध्यक्षता में हुई।
जिसमें दोनों मंचों से 10 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल सरवन सिंह पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल, सुखजीत सिंह भट्टी, सतनाम सिंह बागड़ी, सुखजिंदर सिंह खोसा, कुलविंदर सिंह पंजोला, दिलबाग सिंह हरिगढ़, जरनैल सिंह कालेके, देस राज मोदगिल और अमरजीत सिंह मोहरी ने हिस्सा लिया।

पराली जलाने के मुद्दे पर एक्शन से हटी सरकार

इस मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने पराली जलाने के मुद्दे पर दर्ज मामलों और रेड एंट्री को रद्द करने की मांग मान ली है, लेकिन जुर्माना वसूलने के मामलों में अभी सिर्फ आश्वासन दिया गया है। इसके साथ ही प्रीपेड मीटर के मुद्दे पर सरकार ने माना है कि चिप वाले मीटर जबरन नहीं लगाए गए हैं और पहले के तकनीक वाले मीटर खरीदकर लगाए जाएंगे।
भारत माला परियोजना के तहत बनने वाली सड़क के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि पर सभी लंबित मध्यस्थता मामलों को 3 महीने के भीतर निपटाकर और भूमि मालिक को उचित मुआवजा देकर कब्जा ले लिया जाएगा।

गन्ने की सभी मिलें 2 दिन में शुरू होंगी

किसानों की मांगों को मानते हुए पंजाब सरकार ने गन्ने के मुद्दे पर बाकी मिलों को 2 दिन चालू करने का आश्वासन दे दिया गया है। वहीं, 15 दिन के अंदर किसान को भुगतान दिया जाएगा। इस दौरान खराब हुई फसल का मुआवजा भी सरकार ने देने की बात मानी है।

किसान मोर्चे में मरने वालों के परिवार को नौकरी

दिल्ली और पंजाब स्तर के मोर्चों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को नौकरी और तत्काल मुआवजा देने पर सहमति बनी है। यूरिया खाद से जुड़ी समस्याओं पर सरकार द्वारा तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है।

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