Punjab के संगरूर में AAP उम्मीदवार मीत हेयर का सुखपाल पर अटैक..पैराशूट कैंडिडेट बताया

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Punjab News: पंजाब के संगरूर में आप उम्मीदवार मीत हेयर (Meet Hair) का सुखपाल पर अटैक किया है। पंजाब का संगरूर सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) का गृह जिला माना जाता है। 2019 में सीएम मान खुद यहां से सांसद बने, लेकिन 2022 उप चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को हार का सामना करना पड़ा। तकरीबन डेढ़ साल बाद अब उनके कैबिनेट मिनिस्टर व बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर (Gurmeet Singh Meet Hair) मैदान में हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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वहीं, कांग्रेस की तरफ से सुखपाल खैहरा को यहां से उम्मीदवार बनाने के बाद समीकरण बदल चुके हैं। दोनों के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। मीत हेयर ने सुखपाल खैहरा पर पैराशूट कैंडिडेट होने के आरोप लगाए हैं। वहीं, पार्टी के सीनियर नेताओं के उनके साथ न चलने और बदलाखोरी की राजनीति के आरोप लगाए हैं। चुनावी व्यस्तता के बीच गुरमीत सिंह मीत हेयर (Gurmeet Singh Meet Hair) ने एक मीडिया चैनल को अहम जानकारी साझा की है।

क्या चुनौती लग रही है?

गुरमीत सिंह मीत हेयर (Gurmeet Singh Meet Hair) ने बताया कि लोगों ने 2 बार मुझ पर विश्वास जताया है। पूरी कोशिश है कि हम लोगों की हर एक भावनाओं व उम्मीदों पर खरा उतरें। अकाली दल व कांग्रेस से लोगों को अब कोई उम्मीद शेष नहीं रही, जबकि भाजपा उम्मीदवारों को किसान गांवों में घुसने नहीं दे रहे।

वोटर के पास क्या मुद्दे लेकर जा रहे?

लोकसभा संगरूर (Lok Sabha Sangrur) क्षेत्र में बड़ी इंडस्ट्री लाना और क्षेत्र की डेवेलपमेंट कराना ही मुख्य लक्ष्य है। इसी लक्ष्य को लोगों के आगे रखते हुए वोट मांग रहा हूं। उम्मीद है कि संगरूर की जनता दोबारा उन्हें वोट जरूर देगी। वहीं, संगरूर में कोई अनाज मंडी नहीं है। वादा करता हूं, जीतूं या हारूं, संगरूर को मंडी जरूर मिलेगी।

क्या सरकार के परफार्मेंस में कमी लगती है?

मीत हेयर ने बताया कि इसका मुख्य कारण है डेवेलपमेंट ना होना। समय-समय की सरकारों ने लोगों से झूठे वादे कर सत्ता तो हासिल की, लेकिन शहरों की डेवेलपमेंट की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जिस कारण शहरी लोग हर सरकार से वादे लेते-लेते थक चुके हैं। लेकिन आप जो कहती है वह करके दिखाती है। जो नहीं कहा, वो भी किया। सीएम मान ने टोल प्लाजा बंद करवा दिए, ये तो एजेंडे में भी नहीं था।

सीएम मान का गढ़ रहा है संगरूर

साल 2022 में संगरूर लोकसभा उप चुनाव के समय 6-4 माह पहले ही आप सरकार पंजाब में सत्ता में आई थी। उनके वर्करों का उप चुनाव की तरफ ध्यान कम थे। वर्कर समझ रहे थे कि पार्टी आसानी से ही जीत जाएगी। जिसके चलते पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। दूसरा मुख्य कारण उस समय पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की हुई हत्या का इफेक्ट भी रहा है। सिमरनजीत सिंह मान ने सिद्धू मूसेवाला के नाम पर वोट लिए।

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कांग्रेस ने यहां सुखपाल खैहरा को उम्मीदवार बनाया

गुरमीत सिंह मीत हेयर (Gurmeet Singh Meet Hair) ने कहा कि सुखपाल खैहरा उनके लिए चुनौती नहीं है। वे बाहरी कैंडिडेट हैं। संगरूर की जनता काफी समझदार है। कांग्रेस ऐसे लोगों को ही क्यों उतारती है, जिन्हें हलके की समझ भी नहीं है। सुखपाल खैहरा 10 गांवों के नाम तक नहीं बता सकते।

2019 के चुनाव में सिद्धू मूसेवाला बड़ा फैक्टर रहा

सिद्धू मूसेवाला के प्रति सभी के दिल में संवेदनशीलता है। 2019 में सिमरनजीत सिंह मान जीते, लेकिन सुखपाल खैहरा आज भी उसी मुद्दे को लेकर बैठे हैं। उनके पास और कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन अब हालात पहले जैसे नहीं हैं।

अपनी जीत की कितनी संभावना मानते हैं?

मीत हेयर ने कहा कि मेरा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) संगरूर में किसी उम्मीदवार के साथ कोई मुकाबला नहीं है। कांग्रेस पार्टी ऐसे लोगों को चुनाव मैदान में क्यों उतारती है, जिन्हें किसी हलके के बारें कोई समझ ही ना हो। जिस तरह अकाली दल अब खाली दल बन चुका है, उसी तरह लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत अकाली दल से भी बदतर होने वाली है।