Loksabha Election 2024: चुनाव आयोग आज लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता (Code Of Conduct) भी लागू हो जाएगी। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तारीखों का भी ऐलान करेगा। जानें नियम और शर्तें…
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चुनाव आयोग आज देश के ‘चुनावी महाकुंभ’ की तारीखों का ऐलान करने जा रहा है। लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाएगी। आदर्श आचार संहिता के अनुसार, मंत्री और अन्य सरकारी अधिकारी किसी भी रूप में वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकते।
किसी भी परियोजना या योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है जिसका प्रभाव सत्ता में पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने वाला हो, और मंत्री प्रचार उद्देश्यों के लिए आधिकारिक मशीनरी का उपयोग नहीं कर सकते हैं। भारत 18वें लोकसभा के चुनाव के लिए तैयारी कर रहा है, जिसका कार्यक्रम आज घोषित होगा। जानिए आदर्श चुनाव संहिता से संबंधित हर सवाल का जवाब जो आप जानना चाहते हैं।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए तारीखों का ऐलान आज दोपहर 3 बजे किया जाएगा। इसकी जानकारी खुद चुनाव आयोग की तरफ से सोशल मीडिया X हैंडल के जरिए दी गई। चुनाव आयोग की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने बताया कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
आदर्श आचार संहिता क्या है?
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।
कब लागू होती है आचार संहिता?
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। देश में लोकसभा के चुनाव हर 5 साल पर होते हैं। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं। चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।
आचार संहिता कब खत्म होती है?
आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।
क्या हैं चुनाव आचार संहिता के नियम?
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता। सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा, सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा, किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा, किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी, किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।
अधिकारियों के लिए नियम
- शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
- मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।
- चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।
- जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
- राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।
सामान्य नियम
- कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।
- राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।
- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
- मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।
- किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।
- किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।
- राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।
जुलूस संबंधी क्या है नियम?
- जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें।
- जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।
- राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।
- जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
- जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।
मतदान के दिन संबंधी नियम
- अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
- मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
- मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
- मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। कैम्प साधारण होने चाहिए।
- मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।