सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Ghaziabad News: आरआरटीएस कॉरिडोर को लेकर खुशखबरी है। आरआरटीएस कॉरिडोर (RRTS Corridor) के किनारे मिक्स लैंडयूज के तहत सबसे अधिक एफएआर देगा। अभी तक अधिकतम साढ़े 3 एफएआर तक कुछ जगह पर दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर (Regional Rapid Transit System Corridor) के दोनों तरफ जिले की सबसे ऊंची इमारतों के बनने का रास्ता साफ हो गया है। जीडीए ने शनिवार को बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। इसके तहत आरआरटीएस कॉरिडोर के जोनल प्लान को भी मंजूरी मिल गई है। इस जोनल प्लान के एरिया में जीडीए अधिक फ्लोर एरिया रेशियो यानी एफएआर बेच सकेगा। यहां पर जीडीए केवल 2 एफएआर तक नहीं बल्कि 5 एफएआर तक दे सकेगा। निर्मित क्षेत्र में 3.5, विकसित में 4 और अविकसित क्षेत्र में 5 एफएआर देने की व्यवस्था बनाई गई है।
जीडीए के अधिकारियों (GDA Officials) ने बताया कि पहली बार जीडीए आरआरटीएस कॉरिडोर के किनारे मिक्स लैंडयूज के तहत सबसे अधिक एफएआर देगा। अभी तक अधिकतम साढ़े 3 एफएआर तक कुछ जगह पर दिया गया है। जब किसी भूखंड का एफएआर अधिक होगा तो वहां अधिक ऊंचाई पर बिल्डिंग का निर्माण किया जा सकता है। इसको इस तरह से समझा जा सकता है। यदि किसी का 2 हजार वर्ग मीटर का भूखंड है तो वह नीचे जितना कम एरिया कवर करेगा तो बिल्डिंग की ऊंचाई उतनी ही अधिक बढ़ती जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर और स्टेशन के पास डेढ़ किमी के एरिया को इन्फ्लुएंस जोन (Influence Zone) के रूप में चिह्नित किया गया है। इस पूरे एरिया को मिक्स लैंडयूज के रूप में रखा गया है। यहां के घर के साथ ही दुकान बनाए जाने की लोगों को सुविधा मिल जाएगी। इससे डेढ़ किमी की परिधि को मिक्स लैंडयूज के साथ ही अधिक एफएआर के साथ ही साथ आवासीय और कमर्शियल सुविधा एक ही बिल्डिंग मिलने लगेगी। फिर स्टेशन के आसपास विकास काफी रफ्तार से होगा। यहां पर जितने नक्शे पास होंगे। उससे जो आय जीडीए को होगी। उसका 50 फीसदी हिस्सा एनसीआरटीसी के खाते में भी जाएगा।
राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों तरफ से जोनल प्लान के तहत मिक्स लैंडयूज दिए जाने के साथ ही साथ 5 एफएआर दिया जाएगा। इससे वहां पर गगनचुंबी इमारतें बनाए जाने की सुविधा पब्लिक को मिल जाएगी। इसके लिए जीडीए की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
सिटी लॉजिस्टिक प्लान को मिली परमिशन
एक सिटी लॉजिस्टिक पार्क लोनी एरिया में बनाया जाएगा। जो नॉर्थ और वेस्ट की तरफ से आने वाले लॉजिस्टिक के ट्रैफिक को मैनेज करेगा। वहीं दूसरा लॉजिस्टिक पार्क डासना में बनेगा, जो साउथ और ईस्ट की तरफ से आने वाले लॉजिस्टिक ट्रैफिक को मैनेज करेगा। इसके अलावा 5 ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए ऐसी लोकेशन को चिह्नित किया गया है। जो नॉर्थ, साउथ, ईस्ट और वेस्ट से आने वाले बड़े वाहनों के ठहरने का इंतजाम करेंगे।
यहां पर होंगे 5 ट्रांसपोर्ट नगर
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान (Master Plan) 2021 में जिले में 12 ट्रांसपोर्ट नगर बनाए जाने का प्रस्ताव था लेकिन सिटी लॉजिस्टिक प्लान में केवल 5 ट्रांसपोर्ट नगर से पूरे जिले को कवर किया गया। इसे हर दिशा में प्रस्तावित किया गया है। सेंटर में भिक्कनपुर-दुहाई डिपो स्टेशन, साउथ में लालकुआं-गिरधर के पास, नॉर्थ-वेस्ट में असालतपुर-शोभापुर के पास, नॉर्थ में बेगमाबाद बुदन के पास और वेस्ट में बंथला-इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के पास इसे प्रस्तावित किया गया है।
जानिए क्या होगा फायदा?
लॉजिस्टिक पार्क (Logistics Park) बनाने की योजना के तहत उद्यमियों को अपना माल एक जगह से दूसरी जगह भेजने में दिक्कत न आए, इसका खास ख्याल रखा जाएगा।
सड़क किनारे अतिक्रमण की समस्या हो या फिर लॉजिस्टिक पार्क और वेयरहाउस की, इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है इसकी रणनीति बनाई जाएगी।
इस योजना के तहत नए मार्ग का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण, रेलवे क्रॉसिंग पर पुलों का निर्माण, नए लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना आदि का प्लान बनाया जाएगा।
लॉजिस्टिक्स एक ऐसी प्रक्रिया है। जिसमें माल, सेवाओं या सूचनाओं को योजनाबद्ध तरीके से उत्पादन वाले स्थान से उपयोग वाले स्थान पर पहुंचाने की सुविधा दी जाती है।
शहरों में फ्रेट सेंटर विकसित करने, रात के समय डिलिवरी, ट्रक रूट विकसित करने, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और आधुनिक तकनीक का उपयोग, शहरी माल ढुलाई में विद्युतीकरण को बढ़ावा देने, पार्सल डिलीवरी टर्मिनल आदि की सुविधा दी जानी है।
इससे शहरों में बढ़ती भीड़, शोर, ध्वनि प्रदूषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।