उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Maharashtra News: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर खलबली मचने वाली है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के सियासत में रोचक मोड़ आया था। आपको बता दें कि एनसीपी चीफ के भतीजे अजित पवार पार्टी छोड़ कर एनडीए गठबंधन से हाथ मिला कर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। अजित पवार अपने साथ नौ और विधायक को भी साथ लाए थे। तब से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि शायक अजित के आने से बीजेपी और एनसीपी में गठबंधन हो सकता है।
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लेकिन शरद पवार ने बीजेपी के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद अब बीजेपी ने नई चाल चली है। इसके मुताबिक बीजेपी ने शरद पवार को दो बड़े पदों का ऑफर दिया है। ये दोनों ऑफर अजित पवार के जरिए दिए गए हैं। बीजेपी के इस कदम से न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश की सियासत में भूचाल आने की आशंका है। पुणे में अजित पवार और शरद पवार के बीच जो मुलाकात एक उद्योगपति के घर के हुई। असल में अजित पवार इस मीटिंग में शरद पवार को बीजेपी के ऑफर बताने के लिए गए थे। यह दावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण किया है। अंग्रेजी अखबार फ्री प्रेस जर्नल मुताबिक पृथ्वीराज चव्हाण ने बीजेपी द्वारा शरद पवार को दिए गए ऑफर के बारे में खुलकर बात की है।
सूत्रों की माने तो बीजेपी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को केंद्रीय कृषि मंत्री और नीति आयोग के चेयरमैन पद का ऑफर दिया है। पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि जहां तक मेरी जानकारी है, शरद पवार ने अजित पवार द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। पुणे में उद्योगपति अतुल चोरडिया के आवास पर हुई बैठक में शरद पवार को यह ऑफर दिया गया। उस वक्त जयंत पाटिल भी वहां मौजूद थे।
मुलाकातों का सिलसिला जारी
अजित पवार ने कुछ विधायकों के साथ एनसीपी में बगावत कर दी थी। इसके बाद भी अजित पवार ने शरद पवार से संवाद बनाए रखा है। बीते शनिवार शाम को शरद पवार और भतीजे अजित पवार की मुलाकात हुई, बगावत के बाद यह दोनों नेताओं की तीसरी बैठक थी। बताया जा रहा है कि यह पुणे दौरा मौजूदा मीटिंग का हिस्सा है।
सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल को भी ऑफर दिया गया
पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि जयंत पाटिल और सांसद सुप्रिया सुले को भी सत्ता में शामिल करने का ऑफर दिया गया है। अजीत पवार हाल में दिल्ली गये थे। उस समय उनकी मुलाकात दिल्ली के आला नेताओं से हुई थी। माना जा रहा है कि इन नेताओं ने अजित पवार से यह प्रस्ताव शरद पवार तक पहुंचाने को कहा था।