Madvi Hidma

Madvi Hidma: सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, 1 करोड़ का नक्सली कमांडर कैसे मारा गया?

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Madvi Hidma: सुरक्षाबलों को देश की सबसे बड़ी कामयाबी में से एक मिली है।

Madvi Hidma: सुरक्षाबलों को देश की सबसे बड़ी कामयाबी में से एक मिली है। एक करोड़ के इनामी और खूंखार नक्सली कमांडर हिडमा (Commander Hidma) के मारे जाने की न्यूज ने उसके खूनी इतिहास को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। उसका नाम ही इतना खौफनाक था कि सुरक्षाबल जंगलों में कदम रखते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतते थे। उसके साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का समेत 6 नक्सली मारे गए। हिडमा छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के घने जंगलों को अपना सुरक्षित अड्डा बनाकर वर्षों तक जवानों पर घात लगाकर हमले करता रहा। झीरम घाटी (2013) और बीजापुर (2021) जैसे देश के सबसे बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड भी इसी को माना जाता है। पढ़िए पूरी खबर…

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कौन था माडवी हिडमा?

हिडमा (Hidma) दक्षिण सुकमा के पुवार्ती गांव का रहने वाला था। वह 1996 में नक्सल संगठन से जुड़ा और धीरे-धीरे माओवादियों का सबसे खतरनाक चेहरा बनकर उभरा। हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन-1 का चीफ था और माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी अहम सदस्य। इसके साथ ही वह CPI (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी में भी शामिल था।

27 से ज्यादा बड़े हमलों में शामिल

हिडमा 2004 से अब तक 27 से अधिक बड़े नक्सली हमलों में सीधे तौर पर शामिल रहा। इसमें 2013 का झीरम घाटी हमला, 2021 का बीजापुर हमला और 2017 का बुर्कापाल हमला शामिल है, जिसमें CRPF के 24 जवान शहीद हुए थे। 2010 में दंतेवाड़ा में 76 जवानों की हत्या के बाद उसकी संगठन में हैसियत और बढ़ गई। 2019 में रमन्ना की मौत के बाद हिडमा को नक्सलियों का शीर्ष कमांडर बना दिया गया।

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कम उम्र में नक्सल संगठन से जुड़ा

बताया जाता है कि हिडमा सिर्फ 16 वर्ष की उम्र में नक्सल संगठन में शामिल हो गया था। दुबला-पतला लेकिन बेहद फुर्तीला और तेज दिमाग वाला हिडमा नक्सलियों के ‘एजुकेशन सिस्टम’ और ‘कल्चरल कमेटी’ में पढ़ना-लिखना, गाना-बजाना और हथियार चलाना सीखा। ट्रेनिंग पूरी होते ही उसकी पोस्टिंग महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में कर दी गई।

सबसे खतरनाक महिला नक्सली से ली ट्रेनिंग

हिडमा को हथियार चलाने और हमले की तकनीक सिखाने वाली कोई और नहीं, बल्कि कुख्यात महिला नक्सली सुजाता थी, जिसे ‘लेडी वीरप्पन’ भी कहा जाता था। सुजाता पर भी 1 करोड़ रुपये का इनाम था और 2024 में उसे सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया था। वह बस्तर डिवीजन कमेटी की प्रभारी थी और कई बड़े हमलों की साजिशों में शामिल रही।

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1 करोड़ का इनामी और PLGA बटालियन-1 का प्रमुख

सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ में हिडमा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे उर्फ राजक्का भी मारी गई। वह PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादियों की सबसे घातक हमला इकाई माना जाता है। CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी में वह बस्तर क्षेत्र का इकलौता आदिवासी सदस्य था।

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किन-किन हमलों का मास्टरमाइंड था हिडमा?

  • 2010 दंतेवाड़ा हमला- 76 CRPF जवान शहीद
  • 2013 झीरम घाटी नरसंहार- 27 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल
  • 2021 सुकमा–बीजापुर हमला- 22 जवान शहीद

इसके अलावा हिडमा वर्षों तक बस्तर में सबसे घातक माओवादी ऑपरेशनों की अगुवाई करता रहा। उसकी मौत को बस्तर में माओवादी नेटवर्क के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।

ऑपरेशन पर आंध्र प्रदेश DGP का बयान

आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने कहा कि यह मुठभेड़ अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली इलाके में सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुई। इसमें एक शीर्ष माओवादी नेता समेत छह नक्सली मारे गए। क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।

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गृहमंत्री अमित शाह ने दी बधाई

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को हिडमा को ढेर करने के लिए बधाई दी। गृहमंत्री शाह ने नक्सल मुक्त भारत अभियान के तहत 30 नवंबर तक हिडमा को खत्म करने की डेडलाइन दी थी, जिसे सुरक्षाबलों ने समय से पहले पूरा कर लिया। उन्होंने दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक पूरे भारत से नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन कर दिया जाएगा। इस वर्ष अब तक छत्तीसगढ़ में 262 नक्सली मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।