देश में अगले साल यानी एकेडमिक ईयर 2024-25 से सभी क्लास की किताबें बदल सकती हैं। किताबों में होने वाला ये बदलाव पहली से लेकर 12वीं तक के लिए होगा।
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय 2024-25 तक नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत सभी क्लास के लिए नई किताबों को लाने की योजना बना रही है। इन किताबों को क्षेत्रीय भाषाओं में तो उपलब्ध कराया ही जाएगा। साथ ही साथ इन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी पढ़ा जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक, नई किताबें छात्रों की क्षमता के आधार वाली होंगी। इनमें ज्यादा से ज्यादा जोर एक्टिविटी पर दिया जाएगा। एक टॉप अधिकारी ने बताया कि हमने इन किताबों को तैयार करने वाले नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) को कहा है कि वो क्षमता आधारित अप्रोच को अपनाएं, ताकि स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा सोचें और सीखे हुए कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल करें।
अक्टूबर में लॉन्च हुआ NCF
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा पिछले साल 20 अक्टूबर को फाउंडेशनल स्टेज (3-8 साल) के लिए NCF लॉन्च किया गया था. NCF नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के मुताबिक लाया गया है। इसमें 3 से 8 साल आयु वर्ग के बच्चों के लिए खिलौनों पर आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है। मिडिल और सेकेंडरी लेवल (12वीं क्लास के लिए) के लिए NCF को अभी तैयार किया जा रहा है। इस बात की संभावना है कि इसे इस साल के अंत तक लॉन्च कर दिया जाएगा।
पहली-दूसरी क्लास के लिए किताबें तैयार
नेशनल स्टीरिंग कमिटी का नेतृत्व के कस्तूरीरंगन ने किया। वह ही पूरा NCF तैयार कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को पहली और दूसरी क्लास के लिए तैयार किए गए लर्निंग मेटैरियल का मूल्यांकन करने के लिए मुलाकात की। अधिकारियों ने बताया कि पहली और दूसरी क्लास के लिए किताबों को लगभग तैयार कर लिया गया है। इसे इस महीने के आखिर तक लॉन्च कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी नई किताबों को (हर लेवल पर) आठवीं अनुसूची के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में भी पब्लिश किया जाएगा । दरअसल, ये माना जाता है कि अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने के अपने फायदे होते हैं। फाउंडेशनल लेवल पर बच्चों के लिए ये और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। इसका जिक्र एनईपी में भी किया गया है।
(TV9 से साभार)
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