Atal Setu: पीएम नरेंद्र मोदी ने मुंबई को देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज अटल सेतु (Atal Setu) की सौगात दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 12 जनवरी को इसका उद्घाटन किया. मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (एमटीएचएल) का नाम अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ रखा गया है. पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था.
इस ब्रिज की सौगात मिलने से मुंबई और नवी मुंबई (Mumbai And Navi Mumbai) वालों को लंबे चक्कर और जाम (Jam) से छुटकारा मिलेगा। अब 2 घंटे का सफर लगभग 20 मिनट में पूरा होगा। मुंबई में अटल सेतु की 10 खास बातें जानिए।
ये भी पढ़ेः Delhi-Dehradun Expressway को लेकर बड़ी और अच्छी ख़बर आ गई
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शुक्रवार को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। वे दोपहर करीब 12:15 बजे नासिक पहुंचेंगे, जहां वे 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। दोपहर करीब 3:30 बजे प्रधानमंत्री मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन करेंगे। शाम करीब 4:15 बजे प्रधानमंत्री नवी मुंबई में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे।
मुंबई में अटल सेतु की 10 खास बातें जानिए
मुंबई और नवी मुंबई (Mumbai And Navi Mumbai) की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी। अभी 2 घंटे का वक्त लगता था। अटल सेतु से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी भी मिलेगी। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा।
अटल सेतु के निर्माण में करीब 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है।
लगभग 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। उम्मीद है कि इसके पूरा होने पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष चलता रहेगा।
वाहन चालकों को अटल सेतु (Atal Setu) पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी। समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी।
मानसून के दौरान उच्च-वेग वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं। बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है।
सेवरी से 8.5 किमी लंबा नॉइज बैरियर स्थापित किया गया है, क्योंकि पुल का हिस्सा फ्लेमिंगो प्रोटेक्टेड एरिया और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से होकर गुजरता है।
साल 2018 से इस परियोजना (Project) को पूरा करने के लिए कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने रोजाना काम किया, परियोजना पर काम करने के दौरान 7 मजदूरों की जान चली गई।
अटल सेतु को मुख्य मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune Expressway) से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो राज्य के दो सबसे बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा।
समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना समुद्री ब्रिज निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा था। समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों को समुद्र तल में लगभग 47 मीटर तक खुदाई करनी पड़ी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने कहा था कि टोल 250 रुपये तय किया गया है। यह अन्य वाहनों के लिए आनुपातिक होगा। हमें स्पष्ट रूप से समझना होगा कि अन्य समुद्री लिंक के लिए टोल 85 रुपये से 90 रुपये है। उस अनुपात के हिसाब से 500 रुपये काफी बड़ी रकम बनती है, लेकिन सरकार ने टोल 250 रुपये तय किया है।
अटल बिहारी वाजपेई सेवारी – न्हावा शेवा अटल सेतु
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का नाम अब अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु रखा गया है। यह अब तैयार हो गया है। पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था। अब वे इसका उद्घाटन भी करेंगे। अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से किया गया है। यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा और 6-लेन वाला है। 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और करीब 5.5 किमी जमीन पर बना है। यह देश का सबसे लंबा पुल है।
यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (International Airport) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा। यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। अटल सेतु आज से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।