Delhi-Meerut Expressway: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी ख़बर सामने आ रही है। आपको बता दें कि एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों ने बताया है कि पिछले साल अप्रैल में एक्सप्रेसवे निर्माण का काम बंद हो गया था। इस कारण नौ महीने का (state highway) काम प्रभावित हुआ है। इसको देखते हुए अब नौ से (Delhi-Meerut Expressway News) 10 महीने का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है।
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काफी समय के बाद अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) के पांचवें चरण से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो गई हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने परियोजना को पूरा करने के लिए नई समय सीमा निर्धारित करने के बाद मोहिउद्दीनपुर से खरखौदा रोड को एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करने के लिए एक टैंप के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
इस साल दिसंबर तक स्ट्रक्चर से एक्सप्रेसवे तक सड़क का निर्माण पूरा हो जाना है। अगले साल जनवरी में लोड परीक्षण और सुरक्षा परीक्षण के बाद एक्सप्रेसवे अंततः फरवरी तक पूरी तरीके से बनकर तैयार हो जाएगा।
एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल में एक्सप्रेसवे का काम बंद हो गया था। इस कारण से नौ महीने का काम प्रभावित हुआ है। इसलिए अब नौ से 10 महीने का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है। लेकिन निर्माण एजेंसी 18 महीने का अतिरिक्त समय चाहती है, हालांकि एजेंसी तकनीकी और कागजी शर्तों पर यह साबित नहीं कर पाई है कि 18 महीने से काम बंद है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक इस साल मार्च तक एक्सप्रेसवे पर यातायात शुरू हो जाना था। इसलिए अब इससे आगे नौ से 10 महीने का समय दे दिया गया है। फिलहाल 14.60 किमी लंबे सेक्शन पर 23 फीसदी काम पूरा हो गया है। मासिक परियोजना समीक्षा होगी। साइट इंजीनियरों को दैनिक कार्य की निगरानी करने का भी निर्देश जारी कर दिया गया है। इसके बाद भी काम आगे नहीं बढ़ा तो एजेंसी पर जुर्माना लगाया जायेगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पांचवां चरण कनेक्टिविटी के लिहाज से काफी खास माना जा रहा है। पांचवां चरण मेरठ के हापुड़ रोड पर कनेक्ट होगा, जहां से मेरठ (Meerut) की रिंग रोड भी शुरू हो रही है, जो आगे चलकर मेरठ से उत्तराखंड जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ती है। पांचवां चरण पूरा होते ही बिजनौर से आने वाले लोग मेरठ में प्रवेश किए बिना दिल्ली आ सकेंगे। दिल्ली से भी लोग मेरठ के अंदर न जाकर बिजनौर के रास्ते उत्तराखंड पहुंच सकेंगे। इस प्रोजेक्ट से सबसे ज्यादा फायदा मेरठ के लोगों को होगा।