विश्वकप में भारतीय टीम अपने शुरुआती 3 मैच जीतकर टॉप पर बनी हुई है और अब 19 अक्टूबर को भारत का मुकाबला बांग्लादेश से पुणे में खेला जाना है।जिसके लिए टीम इंडिया वहां पहुँच चुकी है।
भारतीय टीम 14 अक्टूबर को पाकिस्तानी के खिलाफ हुए हाईवोल्टेज मुकाबले में जीत दर्ज यहां पहुँची है जिससे टीम का मनोबल भी बढ़ा हुआ है और अब रोहित एंड कंपनी का पूरा फोकस सेमीफाइनल की तरफ है।
टीम के कप्तान और ओपनर बैट्समैन रोहित शर्मा के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पारी को छोड़ दे तो बाकी के दोनों ही मैचों में बेहतरीन फॉर्म में दिखे है और अब रोहित के पास पुणे में सभी 1983 विश्वकल विजेता कप्तान कपिल देव और 2011 विश्वकप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड को ध्वस्त करने के बहुत ही बेहतरीन मौका है।
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दरअसल रोहित शर्मा में अभी तक इस विश्वकप के 3 मैचों में 217 रन 72 की औसत से बनाये है जिसमे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 0,अफगानिस्तान के खिलाता 131 रन और पाकिस्तान के खिलाफ 86 रनों की शानदार पारी खेली है।
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अब रोहित के पास एमएस धोनी के द्वारा बतौर कप्तान 2011 वर्ल्ड कप में बनाये गए 241 तो 2015 में 237 रन
से बस 25 रन दूर है तो वही कपिल देव ने अपनी कप्तानी में 1983 में टीम इंडिया को चैंपियन बनाया. टूर्नामेंट में उन्होंने 303 रन बनाए थे. रोहित को यह रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 87 रन की जरूरत है और उम्मीद यही है कि रोहित शतक लगाकर पुणे में इन दोनों चैंपियन कप्तान के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।
हालांकि वनडे वर्ल्ड कप के एक सीजन में बतौर कप्तान भारत की ओर से सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम है. उन्होंने 2003 के वर्ल्ड कप में 3 शतक के सहारे 465 रन बनाए थे. टीम फाइनल तक भी पहुंची थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी. वहीं विराट कोहली ने 2019 वर्ल्ड कप में 5 अर्धशतक के सहारे 443 रन बनाने में सफल रहे थे. अन्य कोई भारतीय कप्तान वर्ल्ड कप के एक सीजन में 400 रन तक नहीं पहुंच सका है.