AajTak Bhadohi News: दुनिया भर में कालीन नगरी के नाम से प्रसिद्ध भदोही (Bhadohi) जिला राजनीतिक रूप से भी खास माना जाता है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से भदोही संसदीय सीट भी शामिल है। इस जगह के नाम के बारे में बताया जाता है कि इसका नाम उस क्षेत्र के भार राज्य पर पड़ा, जिसने भदोही को अपनी राजधानी बनाया। भदोही नया जिला बनने से पहले वाराणसी (Varanasi) जिले का हिस्सा हुआ करता था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भदोही सीट पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। इस बार भदोही (Bhadohi) से बीजेपी (BJP) ने मौजूदा संसद रमेश बिंद का टिकट काट कर मझवा से निषाद पार्टी के विधायक डॉ. विनोद बिंद को मैदान में उतारा है तो सपा ने अपने हिस्से का टिकट ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी टीएमसी (TMC) को दिया है।
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टीएमसी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पपौत्र पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी (Laliteshpati Tripathi) मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। बसपा ने यहां से हरिशंकर सिंह उर्फ दादा चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है।
आजतक की टीम जब सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप (Anjana Om Kashyap) के साथ पहुंची भदोही तो शुरू हुआ सवालों का सिलासिला। सवाल होते गए और जवाब मिलता गया।
पहला सवाल महिला से हुआ तो जवाब मिला कि हमारा अधिकार है वोट डालने है, हम विकास करने वाले नेता को चुनेगें। मैं महिलाओं को मतदान जरूर करने की अपील करूंगी। भदोही में विकास करने वाले प्रत्याशी चुनने की अपील करूंगी।
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एक व्यक्ति ने कहा कि कालीन का बाजार इस समय सहीं नहीं है। पहले की सरकारों से जो सब्सिडी मिलती थी वो अब नहीं मिल रहा है। जो दुनिया में इस कालीन नगरी कहते थे आज वो बात नहीं है। मजदूर बहुत पलायन करने को मजबूर हैं।
एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि भदोही जिले में कालीन की स्थिति बहुत ही दयनीय है। आज यहां के बुनकरों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। मजदूर के पास पैसे नहीं है कि वो काम कर पाएं।
एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि नरेन्द्र मोदी आजादी के बाद भारत के सबसे बढ़िया प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी के कार्य हैं वो जनता को पसंद आ रहे हैं। बीजेपी अपने काम के ही दम पर 400 के पार सीटें जीतने में सफल होगी। कालीन के बाजार को लेकर उन्होंने कहा कि बाजार कभी डाउन होता है तो कभी तेज इसमें सरकारों का बहुत रोल नहीं होता है।
एक व्यक्ति ने कहा कि आज कालीन नगरी बहुत ही बुरे दौर से गुजर रही है। कालीन के बाजार के लिए बीजेपी सरकार ने काई काम नहीं की है। दिनों दिनों इसकी स्थिति खराब होती जा रही है।
भदोही की कालीन व्वाइट हाउस से लेकर हर जगह बिछी हुई है। मक्का मदीन में भी बिछी हुई है लेकिन इस बार चुनाव में भदोही का आदमी पहली बार संसद में बिछी कालीन पर चलने का काम करेगा। यहां से इसबार ऐसे उम्मीदवार के जाने की तैयारी में है जो भदोही का हो।
तो वहीं एक महिला ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि रोजगार मिल लेकिन पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है। घर में ही रहने को मजबूर हूं।
एक दूसरी महिला ने कहा कि हम यही चाह रहे हैं कि इस बार भी मोदी जी ही जीतें, क्योंकि मोदी जी ने बहुत अच्छा काम किया है। देश का विकास बहुत किया है।
जानिए भदोही को
भदोही उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जिला है और ज्ञानपुर शहर जिला मुख्यालय है। भदोही जिला गंगा नदी के मैदानी इलाकों में स्थित है। गंगा के साथ ही वरुण और मोर्वा यहां की प्रमुख नदियां हैं। भदोही जिला उत्तर में जौनपुर से, पूर्व में वाराणसी से, दक्षिण में मिर्जापुर से और पश्चिम में प्रयागराज से घिरा है।
2019 का परिणाम
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने यहां से तत्कालीन सांसद को टिकट न देकर पार्टी ने रमेश चंद को टिकट दिया, जबकि महागठबंधन की ओर से बीएसपी के रंगनाथ मिश्रा मैदान में थे। कांग्रेस ने रामाकांत को टिकट दिया था।
इस चुनाव में बीजेपी के रमेशचंद बिंद ने जीत दर्ज की, उन्हें 5,10,029 वोट मिले थे। बसपा के रंगनाथ मिश्र 4,66,414 वोंटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे और कांग्रेस के रमाकांत यादव 25,604 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।
2014 का परिणाम
भदोही में बीजेपी को मोदी लहर का लाभ मिला और इस चुनाव में बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ने बसपा के राकेश धर त्रिपाठी को हराकर संसद में पहुंचने में कामयाबी हासिल की। वीरेंद्र सिंह को चुनाव में 4,03,544 वोट (41.12%) मिले जबकि राकेश धर त्रिपाठी को 2,45,505 मत (25.01%) मिले। इस चुनाव में कांग्रेस पांचवें स्थान पर खिसक गई।