अपनाएं ये Vastu Tips, वैवाहिक जीवन में आएगी खुशहाली
Vastu Tips: करवा चौथ का पर्व आने वाला है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए एक खास त्योहार माना जाता है। इस पर्व पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। इस साल करवा चौथ (Karva Chauth) का पर्व 20 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष -शास्त्र के मुताबिक, करवा चौथ की पूजा का फल तभी मिलता है जब इसे नियमानुसार और विधि-विधान से किया जाए।
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व्रत से जुड़े सभी नियमों का पालन करने और इस पूजा में वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) से जुड़े नियमों को भी ध्यान में बहुत जरूरी बताया गया है। वास्तु नियमों (Vastu Rules) का पालन करने से पति-पत्नी के बीच सुख-शांति बनी रहती है और वैवाहिक जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती है। आइए जानते हैं करवा चौथ से जुड़े कुछ वास्तु नियम, जिनका पालन कर आप अपने वैवाहिक जीवन को और भी बेहतर बना सकती हैं….
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वास्तु-शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक, करवा चौथ (Karva Chauth) व्रत की शुरुआत सरगी के साथ होती है। सूर्यादय से पहले व्रती उठकर स्नान करने बाद सरगी करती हैं और फिर व्रत का संकल्प लेती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सरगी करने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है। इस दिशा से सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) आती है और व्रत सफल होता है।
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक, पूजा-पाठ करते समय दिशा का ख्याल जरूर रखना चाहिए। इसी तरह करवा चौथ की पूजा में दिशा का ध्यान रखना चाहिए। कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके करवा चौथ की पूजा ना करें। पूजा करने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ मुख करें।
माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत तब तक पूरा नहीं माना जाता है जब तक आप करवा चौथ की व्रत कथा नहीं पढ़ते या सुनते। वास्तु शास्त्र के मुताबिक करवा चौथ की व्रत कथा पढ़ते या सुनते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व की होना चाहिए।
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इन नियमों का जरूर करें पालन
चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ दें।
चंद्रमा को जल में दूध मिलाकर अर्घ्य दें।
पूजा की थाली में जल से भरा कलश, लाल सिंदूर, फूल, मिठाई और दीपक जरूर रखें। महिलाओं को करवा चौथ के दिन लाल या पीले रंग की चूड़ी भी पहननी चाहिए।
करवाचौथ पर विधि-विधान के साथ पूजा करके दान को भी बहुत ही महत्व बताया गया है। करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं एक थाली में श्रृंगार का सामान चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, शीशा, कंघी, रिबन और शगुन आदि अपनी विवाहित सास, जेठानी या फिर विवाहित वरिष्ठ महिला को दें सकती हैं।
Disclaimer: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसकी विषय सामग्री का ख़बरी मीडिया हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता है।