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Uttarakhand: धार्मिक स्थलों पर धारण क्षमता के अनुसार ही मिलेगा प्रवेश, CM धामी के सख्त निर्देश

उत्तराखंड राजनीति
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सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जाएगी।

Uttarakhand News: मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुए हादसे के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को उनकी धारण क्षमता के अनुसार ही प्रवेश देने के निर्देश जारी किए हैं। हरिद्वार में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर सीएम ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। धार्मिक स्थलों पर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने, संभावित विस्तार, पार्किंग, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जा रही है।

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सीएम धामी ने कहा कि मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple) सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जाएगी। पंचायत चुनावों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में जनता का अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। पहले चरण में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है, जो गांवों की सरकार चुनने के लिए जनता की जागरूकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का विकास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान रहता है।

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कुमाऊं के प्रमुख धार्मिक स्थल जहां भीड़ बढ़ रही

कैंची धाम: नैनीताल के कैंची में बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम है, जहां रोजाना 10-12 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं। शनिवार और मंगलवार को यह संख्या 15-18 हजार तक हो जाती है। 15 जून को स्थापना दिवस पर 1-1.5 लाख लोग आते हैं, लेकिन व्यवस्थाएं अपर्याप्त हैं।

जागेश्वर धाम: अल्मोड़ा में 124 मंदिरों का समूह, जिसे हिमालय का काशी कहा जाता है। महाशिवरात्रि और श्रावण मास में यहां भारी भीड़ होती है। राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी यहां दर्शन के लिए आते हैं।

चितई गोलू मंदिर: अल्मोड़ा में घंटियों वाले मंदिर के रूप में प्रसिद्ध गोलू देवता मंदिर में रोजाना 4-5 हजार और विशेष अवसरों पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं।

हाट कालिका मंदिर: गंगोलीहाट के पास देवी कालिका को समर्पित इस मंदिर में नवरात्रि और विशेष पर्वों पर भारी भीड़ होती है। यह सैनिकों और पूर्व सैनिकों की आस्था का केंद्र है।

पूर्णागिरी धाम: चंपावत के टनकपुर में स्थित यह शक्तिपीठ चैत्र नवरात्र में मेले के लिए प्रसिद्ध है, जहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

गर्जिया मंदिर: रामनगर के पास कोसी नदी के टीले पर स्थित गर्जिया माता मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा, गंगा दशहरा, नवरात्रि और अन्य पर्वों पर सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं।

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अतिक्रमण पर सख्ती, अभियान जारी

सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिलाधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर स्वयं अतिक्रमण हटाने को कहा गया है, अन्यथा अभियान के तहत कार्रवाई होगी। अब तक सात हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि अतिक्रमण मुक्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और 2023-24 के सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स में उत्तराखंड पहले स्थान पर रहा है।