Uttarakhand: CM धामी ने समीक्षा बैठक में विकास, राजस्व और तकनीक पर तेजी से काम करने का दिए निर्देश
Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों का जायजा लेते रहते हैं। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी सीएम धामी (CM Dhami) अधिकारियों को देते हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने सचिवालय में वित्त विभाग (Finance Department) की समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक (Review Meeting) के दौरान सीएम धामी ने निर्देश दिए कि राज्य के समावेशी विकास के लिए नए संसाधन जुटाने की दिशा में प्रयास किए जाएं। विभागों द्वारा दिसम्बर महीने तक बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्य के हिसाब से बजट प्राप्ति और खर्च की सचिव अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करें। हर महीने मुख्य सचिव और 3 महीने में मेरे द्वारा समीक्षा की जाएगी। बजट खर्च की नियमित मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल सिस्टम लागू किया जाए। जीएसटी कलेक्शन और बढ़ाने की दिशा में कार्य किए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि राजस्व प्राप्ति की दिशा में और प्रभावी प्रयास किए जाएं। केन्द्र पोषित योजनाओं पर खास ध्यान दिया जाए। जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात और 70 और 30 के अनुपात की योजनाओं को पहली प्राथमिकताओं में रखा जाए। विभागों द्वारा बजट का ससमय और सही तरीके से प्रयोग हो इसके लिए नियोजन विभाग और वित्त विभाग अन्य विभागों के साथ नियमित बैठक करें।
नवाचार और AI की दिशा में विशेष ध्यान
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजना पर काम किया जाए। आगामी 10 सालों और 2050 में राज्य की गोल्डन जुबली वर्ष तक राज्य की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। नवाचार और एआई की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए।
समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के साथ मानव संसाधन की क्षमता विकास, शिक्षा स्वास्थ्य और खेल में निवेश करना होगा। प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण करने के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सब्सिडी पात्र लोगों को ही मिले।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने निर्देश दिए कि राजस्व के प्रमुख स्रोत राज्य कर, वन, ऊर्जा, जल कर की नियमित समीक्षा कर बजट लक्ष्यों की प्राप्ति की जाए। जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) और अटल आयुष्मान योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए इनके प्रभावों का विश्लेषण किया जाए। बाजार से उधार को कम करने के साथ ही अवस्थापना विकास पर ज्यादा जोर दिया जाए।
समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि पिछले 3 सालों में राज्य की जीएसडीपी वृद्धि दर लगातार 13 प्रतिशत से अधिक रही। इस वित्तीय वर्ष में खनन राजस्व में करीब 400 करोड़ की वृद्धि हुई है। पूंजीगत व्यय में 11 हजार करोड़ से अधिक का व्यय हुआ है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट के सापेक्ष व्यय प्रतिशत 90 प्रतिशत रहा।
इस बैठक में उत्तराखण्ड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर, अपर सचिव हिमांशु खुराना और मनमोहन मैनाली उपस्थित थे।

