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UPI Rule: देशभर में बदल गया UPI का नियम, जानिए कितनी कटेगी जेब?

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UPI Rule: देशभर में यूपीआई के नए नियम लागू हो गए हैं।

UPI Rule: देशभर में यूपीआई के नए नियम लागू हो गए हैं। बता दें कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये बदलाव सिस्टम की स्थिरता बढ़ाने और आउटेज की समस्याओं को कम करने के लिए किए हैं। फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे UPI ऐप्स के यूजर्स पर इन नियमों का सीधा असर पड़ेगा। NPCI के मुताबिक, हर महीने UPI पर 16 अरब ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, और अप्रैल-मई 2025 में आउटेज की शिकायतों के बाद ये कदम उठाए गए हैं। आइए जानते हैं, क्या बदला और इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

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बैलेंस चेक पर लिमिट

आपको बता दें कि अब यूजर्स किसी एक UPI ऐप (UPI App) से दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। पहले इसकी कोई सीमा नहीं थी, लेकिन बार-बार बैलेंस चेक करने की आदत से सिस्टम पर दबाव पड़ता था। अब इसकी वजह से API कॉल्स को नियंत्रित किया जा रहा है।

ऑटोपेमेंट के लिए तय समय

ऑटोपेमेंट जैसे बिजली बिल, OTT सब्सक्रिप्शन या EMI अब केवल गैर-पीक आवर्स में प्रोसेस होंगे, यानी सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे के बीच या रात 9:30 बजे के बाद। इससे दिन के व्यस्त समय में सिस्टम पर लोड कम होगा।

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ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की सीमा

एक UPI ऐप से दिन में केवल 25 बार ही बैंक अकाउंट डिटेल्स या ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक की जा सकेगी। बार-बार हिस्ट्री देखने की आदत पर अब अंकुश लगेगा।

पेमेंट स्टेटस चेक पर पाबंदी

पेमेंट स्टेटस अब दिन में सिर्फ 3 बार चेक किया जा सकेगा, और हर चेक के बीच 90 सेकंड का अंतराल अनिवार्य होगा। इससे बार-बार सर्वर पर अनावश्यक रिक्वेस्ट कम होंगी।

चार्जबैक रिक्वेस्ट की लिमिट

अब एक महीने में अधिकतम 10 बार चार्जबैक की मांग की जा सकती है, और किसी एक व्यक्ति या मर्चेंट से 5 बार से ज्यादा रिवर्सल रिक्वेस्ट नहीं हो सकेगी। यह कदम फर्जी रिफंड मांगों को रोकने के लिए उठाया गया है।

क्यों जरूरी थे ये बदलाव?

NPCI के मुताबिक, UPI पर हर महीने 16 अरब ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, जो सिस्टम पर भारी दबाव डालते हैं। अप्रैल और मई 2025 में आउटेज की शिकायतें बढ़ीं, जिनका कारण बार-बार बैलेंस चेक और पेमेंट स्टेटस रिक्वेस्ट जैसे API कॉल्स थे। नए नियम सिस्टम को तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए लागू किए गए हैं।

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यूजर्स के लिए राहत

NPCI ने यूजर्स की सुविधा के लिए हर UPI ट्रांजैक्शन के बाद उपलब्ध बैलेंस दिखाने की सुविधा शुरू की है, ताकि बार-बार मैन्युअल बैलेंस चेक की जरूरत न पड़े। ये नियम सभी UPI यूजर्स और प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगे।