Gautam Buddha Nagar: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने वालें को बड़ी राहत मिली है। आपको बता दें कि यूपी रेरा (UP RERA) ने घर खरीदने वालों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि उन्हें केवल कार्पेट एरिया (Carpet Area) का ही अब दाम देना होगा। कानून में सुपर एरिया शब्द की न तो कोई चर्चा ही है और न ही इसे कहीं परिभाषित किया गया है। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण ने प्रमोटर्स के लिए निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे किसी फ्लैट या अपार्टमेंट का विक्रय (Sale) केवल कार्पेट एरिया के आधार पर ही करें। रेरा अधिनियम (RERA Act) के प्राविधानों एवं अन्य विधिक अनुबन्धों के अनुरूप सुपर एरिया (Super Area) का कोई जिक्र नहीं है। इस आधार पर अपार्टमेंट की बिक्री को गैरकानूनी माना जाएगा। रेरा अधिनियम के प्रविधानों के मुताबिक, कार्पेट एरिया के आधार पर ही अपार्टमेंट क्रय-विक्रय (Apartment Purchase and Sale) विधि सम्मत है।
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अधिनियम में नहीं है सुपर एरिया शब्द की चर्चा
यूपी रेरा (UP RERA) के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि रेरा अधिनियम में सुपर एरिया जैसे शब्द का कोई जिक्र नहीं है और न ही इसे कहीं परिभाषित ही किया गया है। यह आवंटियों के लिए अतिआवश्यक है कि वे कार्पेट एरिया को ही फ्लैट या अपार्टमेंट का वास्तविक क्षेत्रफल (Real Area) मानें और इसी क्षेत्रफल (Area) के अनुसार पेमेंट करें। उन्होंने आगे बताया कि रेरा अधिनियम-2016 के अनुरूप प्रमोटर द्वारा रेरा में परियोजना पंजीकृत (Project Registered) करते समय उसके विभिन्न प्रकार के अभिलेख (Record) एवं सूचनाएं प्रस्तुत करनी होती हैं, जिनमें अपार्टमेंट की संख्या और प्रकार के साथ ही फर्श, बालकनी, टेरेस तथा अन्य क्षेत्र का क्षेत्रफल भी उपलब्ध कराना अनिवार्य होता है। इनमें अपार्टमेंट का उल्लेख करते हुए दीवारों के आंतरिक हिस्से में स्थित वास्तविक फर्श का क्षेत्रफल (कार्पेट एरिया) उपलब्ध भी अनिवार्य होता है।
रेरा अध्यक्ष ने प्रमोटर्स दी वार्निंग
संजय भूसरेड्डी ने कहा कि प्रमोटर्स तथा उपभोक्ताओं के मध्य विक्रय अनुबन्ध के लिए यूपी रेरा (UP RERA) पोर्टल पर उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) द्वारा स्वीकृत मॉडल एग्रीमेन्ट फॉर सेल का प्रारूप मौजूद है। इस प्रारूप में भी केवल कार्पेट एरिया के अनुसार ही विक्रय अनुबन्ध करने का प्राविधान है। इस प्रकार प्रमोटर्स द्वारा सुपर एरिया के नाम पर अपार्टमेंट का विक्रय करना रेरा अधिनियम के खिलाफ माना जाएगा। प्रमोटर्स को केवल कार्पेट एरिया के आधार पर ही विक्रय करना होगा। उन्होंने चेताया कि ऐसा न करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।