सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Peripheral Expressway Traffic Update: देश में सबसे तेजी से बना ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) अचानक से बंद कर दिया गया। जिसमें लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी हो रही है। वहीं ग्रेनो के नरौली गांव के पास भारी वाहनों के दबाव और तकनीकी कमी (Technical Deficiency) के चलते लगभग 2 फुट नीचे धंस गया है। बता दें कि 30 मीटर लंबाई और 20 मीटर चौड़ाई में यह सड़क धंसी हुई है। साथ ही ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) ने बैरिकेडिंग लगाकर यहां से आवाजाही बंद कर दी गई है। और अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
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आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2018 में 7 हजार करोड़ की लागत से बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्धाटन किया था। करीब 135 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे को 27 महीने में तैयार किया गया था। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली से जाम खत्म करने और पॉल्यूशन (Pollution) से राहत देने के लिए बनाया गया था। लेकिन बनने के पांच साल बाद ही एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा धंस गया है। इस हिस्से को सड़क धंसने से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के बागपत की तरफ से बील आने वाली साइड को बंद कर दिया गया है। क्षतिग्रस्त सड़क (Damaged Road) की मरम्मत के लिए जेसीबी मशीन से मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। इस घटना से हड़कंप मचने के बाद अधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
लोगों ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर उठाए सवाल
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे धंसने के बाद सोशल मीडिया (Social Media) पर चर्चा हो रही है। वहीं लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं हैं। लोगों का कहना है कि एक्सप्रेसवे धंसने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साफ पता चलता है कि एक्सप्रेसवे में मानक विहीन व घटिया क्वॉलिटी के सामान का इस्तेमाल किया गया है। जल्दी काम पूरा करने के चक्कर में मानकों को नजरअंदाज किया गया हैं।
एक्सप्रेसवे पर तेजी से उछलती है गाड़ी
एक्सप्रेसवे पर चलने वाले लोगों का आरोप है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) मानकों के अनुरूप नहीं बनाया गया है। इस पर प्रत्येक 1 से 2 किलोमीटर पर गाड़ी बहुत तेजी से उछलती है जिससे कई बार गाड़ी का संतुलन भी खराब हो जाता है। एक्सप्रेसवे पर गाड़ी तेज दौड़ने में लोगों को डर लगता है। लोगों का आरोप है कि एक्सप्रेस पर कई पुलों के जॉइंट सही से नहीं मिले हैं। इसके चलते झटका लगता है। कई बार इसकी वजह से भीषण हादसे भी होते रहते हैं। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।