Traffic Challan

Traffic Challan: मोबाइल से फोटो खींचकर पुलिस वाले नहीं कर सकेंगे चालान

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Traffic Challan से जुड़ी अच्छी और राहत भरी खबर

Traffic Challan: अगर आपको भी सड़क पर वाहन चलाते समय ट्रैफिक चालान (Traffic Challan) का डर सताता है तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) इन दिनों मोबाइल से फोटो खींचकर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों का जमकर चालान (Challan) कर रही है। इसी बीच एक अच्छी और राहत भरी खबर सामने आ रही है बिहार से। जहां यातायात नियमों के उल्लंघन पर अब पुलिसकर्मी केवल हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) का प्रयोग कर चालान काटेंगे। इस नई व्यवस्था से मैनुअल चालान की प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म हो गई है। पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने जिलों में 1800 से ज्यादा एचएचडी मशीनें वितरित की हैं। इन मशीनों से चालान करते समय समय, तारीख और स्थान भी रिकार्ड हो जाता है जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
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पुलिसकर्मियों के लिए सख्त चेतावनी

पुलिस मुख्यालय को मिली शिकायतों के आधार पर यह निर्देश जारी किया गया है कि सिपाही स्तर के पुलिसकर्मी मोबाइल कैमरे से चालान की प्रक्रिया में न शामिल हों। मात्र दारोगा रैंक से ऊपर के अधिकारी ही चालान कर सकेंगे। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से बिहार पुलिस विभाग ने प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष (transparent traffic rules enforcement) बनाने का प्रयास किया है।

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ई-चालान से मैनुअल प्रक्रिया की समाप्ति

लाल और पीली पर्चियों पर कटने वाले मैनुअल चालान की प्रक्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी है. ई-चालान की प्रणाली (digital challan system) से न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है, बल्कि यातायात नियमों का पालन भी बेहतर तरीके से किया जा रहा है. इसके साथ ही वाहन चालकों को चालान के डर से अवैध वसूली (illegal traffic fine collection) से राहत मिल रही है.

तकनीक के उपयोग से आएगा सुधार

एचएचडी डिवाइस के जरिए से चालान प्रक्रिया में तकनीकी सुधार (technological traffic management) किया गया है। इस तकनीक के माध्यम से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सही समय पर कार्रवाई की जा सकती है। खींची गई तस्वीरों में अक्षांश-देशांतर के साथ सटीक डेट और टाइम रिकार्ड हो जाता है, जिससे प्रक्रिया में धोखाधड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है।

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जारी हुआ सख्त निर्देश

पुलिस मुख्यालय ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस प्रणाली का सख्ती से पालन कराएं। इसके साथ ही चालान काटने के अधिकार केवल दारोगा और उससे ऊपर के अधिकारियों के पास ही रहे। इससे पुलिसकर्मियों के कामकाज में अनुशासन (disciplinary action in police department) और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

चिकित्सकीय आधार पर ट्रांसफर प्रक्रिया

दूसरी तरफ बिहार पुलिस मुख्यालय ने चिकित्सकीय आधार पर 52 पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण (medical transfer in police department) कर दिया है। आवेदन की स्क्रीनिंग के लिए मेडिकल टीम का नियुक्ति की गई है, जिसने यह जांच की कि कौन-कौन से मामले चिकित्सकीय आधार पर स्थानांतरण के योग्य हैं। 124 आवेदन अस्वीकृत भी किए गए।

ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता

ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चिकित्सकीय दस्तावेजों की गहन जांच होगी। यह तय किया गया है कि केवल गंभीर मामलों में ही स्थानांतरण (transparent medical transfer policy) को मंजूरी दी जाएगी। इस प्रक्रिया से पुलिस विभाग में निष्पक्षता और विश्वास बढ़ाने की कोशिश की गई है।