कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं..वक्त-बेवक्त वो इंसान की जान बचाते हैं। शायद इसीलिए भी उनका दर्जा भगवान के बराबर है। लेकिन यूपी के शामली में जो कुछ भी हुआ उसने डॉक्टर और डॉक्टरी पेशे पर ही सवाल उठा दिए हैं।
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क्या है पूरा मामला ?
शामली में दैनिक नवचेतन में काम कर रहे पत्रकार अमित मोहन की तबीयत अचानक घर में बिगड़ गई। उन्हें उल्टी होने लगी। अमित ने किसी तरह पड़ोसी को बुलाया। पड़ोसी पत्रकार अमित मोहन को अस्तपाल लेकर गए..पत्रकार की जेब में उस वक्त सिर्फ 900 रुपये थे..जबकि प्राथमिक इलाज का खर्च डॉक्टरों ने 1 हज़ार रुपए बताया।
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इसके लिए 100 रुपए कम पड़ रहे थे। आरोप है कि काफी देर तक पत्रकार ने डॉक्टर के सामने एडमिट करने की मिन्नतें की..लेकिन डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा। और वो बाहर चले गए। 25 मिनट बाद जब डॉक्टर आए तब तक देर हो चुकी थी। इलाज ना मिलने की वजह से पत्रकार अमित मोहन ने मौके पर दम तोड़ दिया।
असमय पत्रकार के निधन से घर में मातम पसरा है। पत्नी और दोनों बच्चों का बेसहारा हो गए हैं। परिजनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
अमित मोहन की मौत से पत्रकार साथी भी सदमे में हैं और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सभी पत्रकार साथियों ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप कर आरोपी डॉक्टर को सज़ा देने की मांग की है।