आपको भी नहीं देना होगा Toll Tax, बस करना होगा यह काम
Toll Tax: टोल टैक्स को लेकर बड़ी और अच्छी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि मोदी सरकार (Modi Government) ने नए साल से पहले टोल टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने टोल टैक्स (Toll Tax) को लेकर नया नियम बनाया है। सरकार के इस फैसले से वाहन चालकों पर सीधा असर पड़ेगा। वाहन चालक, जिन्हें हरदिन टोल टैक्स देना पड़ता है, उन्हें नया नियम जानना बहुत जरुरी है। नियम सिर्फ डेली चलने वाले लोगों के लिए ही नहीं बल्कि, हर एक वाहन चालक को नए नियम को जानना चाहिए।
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टोल टैक्स (Toll Tax) को लेकर नये नियमों के तहत प्राइवेट वाहन चालकों को अब टोल टैक्स देने की जरुरत नहीं है। अगर वे ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (Global Navigation Satellite System) का प्रयोग करते हैं तो। इसके साथ ही, अगर टोल टैक्स चालक 20 किलोमीटर के दायरे में रोड का प्रयोग कर रहे हैं तो उन्हें कोई भी टोल टैक्स देने की जरुरत नहीं है।
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GNSS सिस्टम को लेकर मंत्रालय ने दी जानकारी
परिवहन मंत्रालय (Ministry of Transport) ने हाल ही में एक सूचना जारी की थी। इस सूचना में कहा गया है कि प्राइवेट वाहन मालिक अगर राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर हरदिन 20 किलोमीटर तक सफर करते हैं तो उन्हें टोल टैक्स देने की जरुरत नहीं होगी। हालांकि, यह छूट केवल उन वाहनों को ही दिया जाएगा, जिनकी गाड़ी में GNSS सिस्टम (GNSS Systems) एक्टिव होगा। अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट वाहन से 20 किलोमीटर से अधिक का सफर करता है तो उससे वास्तविक दूरी के आधार पर टोल टैक्स लिया जाएगा।
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अभी यहां पर लागू हुआ है GNSS सिस्टम
वाहन चालकों को GNSS सिस्टम (GNSS Systems) के बारे में जानकारी होनी ही चाहिए। परिवहन मंत्रालय ने फास्टटैग के साथ GNSS सिस्टम को टोल टैक्स को लागू कर दिया है। हालांकि, भारत में अभी यह टोल टैक्स का सिस्टम पूरे देश भर में लागू नहीं है। सरकार ने वर्तमान में योजना को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया है। पायलट प्रोजेटक्ट कर्नाटक के नेशनल हाइवे 275 पर और हरियाणा के नेशनल हाइवे 709 पर लागू किया है। अगर इन दोनों पायलट प्रोजेक्टों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो पूरे देशभर में सरकार इस टौल कलेक्शन सिस्टम को लागू करेगी।
क्या है ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम
आपको बता दें कि GNSS एक सैटेलाइट आधारित यूनिट होगी, जो कि गाड़ियों में इंस्टॉल की जाएगी। इस सिस्टम की सहायता से अधिकारी आसानी से ट्रैक कर पाएंगे कि कार ने कब टोल हाईवे का इस्तेमाल करना शुरू किया। जैसे ही वाहन टोल रोड से निकलेगा, तो सिस्टम टोल रोड के इस्तेमाल को कैलकुलेट करेगा और राशि काट लेगा।
इस सिस्टम की सबसे खास बात यह है कि इसकी मदद से यात्री सिर्फ उतना ही पैसा देंगे, जितनी उन्होंने यात्रा की है। इसकी सहायता से यात्री टोल यह भी पता लगा पाएंगे कि कितनी राशि देनी है और इस हिसाब से वो भुगतान कर पाएंगे।

