उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में एक बिल्डर ने एक प्रोजेक्ट से हाथ खड़े कर दिए हैं, कहीं आपने भी तो नहीं इसी बिल्डर से फ्लैट बुक कराया है। आपको बता दें कि यूपी रेरा में पंजीकृत बिल्डर एटीएस रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (ATS Realty Private Limited) ने ग्रेटर नोएडा में अपनी आवासीय परियोजना एटीएस हेजेस (ATS Hedges) फेज-1 का निर्माण कराने में असमर्थता जताई है। बिल्डर ने प्रोजेक्ट के पंजीयन को यूपी रेरा (UP RERA) में सरेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह प्रोजेक्ट साल 2017 में पंजीकृत हुआ था। इसका पंजीयन सितंबर 2025 में समाप्त होना है। प्रोजेक्ट की सरेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले यूपी रेरा ने प्रोजेक्ट के निवेशकों से 15 दिन में अपना पक्ष पेश करने की अपील की है। इसमें कितने दावेदार क्लेम के लिए आगे आते हैं, इसके परीक्षण के बाद सरेंडर प्रक्रिया होगी।
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जानिए क्या है सरेंडर प्रक्रिया का नियम
बिल्डर प्रोजेक्ट के निर्माण करने की स्थिति में नहीं है या वह किसी कारण से निर्माण नहीं कराना चाहता। तो ऐसे हालत में वह प्रोजेक्टर सरेंडर कर सकता है। रेरा की एसओपी के अनुसार सरेंडर के दौरान प्रोजेक्ट के प्रमोटर को सभी हितधारकों की देनदारी या बकाया चुकाना होता है। इनमें घर खरीदार, विकास प्राधिकरण, वित्तीय संस्थान, निर्माणकर्ता/ठेकेदार व अन्य सभी संभावित हितधारक आते हैं। प्रक्रिया के दौरान इसका ख्याल रखा जाता है कि घर खरीदारों के हित न प्रभावित हो और प्रमोटर पर कोई बकायेदारी न बच रही हो।
यहां की जाती है दावेदारी
यूपी रेरा की ईमेल आईडी contactuprera@up-rera.in पर या यूपी रेरा सचिव को लखनऊ मुख्यालय में दावेदारी भेजनी होती है। इसके बाद हितधारकों के दावों का निस्तारण करने के बाद प्रमोटर को यूपी रेरा की पीठ में परियोजना सम्बन्धित वाद आदि का निस्तारण करना होगा।