Noida News : नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) से बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की टीम एक बार फिर नोएडा अथॉरिटी पहुंच गई है और ऑडिट भी शुरू कर दी है। इस बार जनवरी 2023 से जनवरी 2024 तक की फाइलों को खंगाला जा रहा है। अथॉरिटी में सीएजी (cag) के तीन अधिकारियों की अगुवाई वाली टीम आई है। सीएजी की टीम के आने से अथॉरिटी ऑफिस में एक बार फिर हलचल तेज हो गई। हालांकि, इससे पहले भी कैग कई बार नोएडा अथॉरिटी में आ चुकी है। जिसमें करोड़ों रुपए की गड़बड़ी भी सामने आई थी। इन सभी की जांच चल रही हैं।
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टेंडर और परियोजना की हो रही जांच
सीएजी टीम के लिए अथॉरिटी ऑफिस में एक रूम रिजर्व कर दिया गया है। इस जांच को कंपलॉयस ऑडिट का नाम दिया गया है। इसमें अथॉरिटी की ओर से अलग-अलग काम के लिए जारी किए गए टेंडर और परियोजना की लागत समेत अन्य बिंदुओं पर जांच की जा रही है। अब टीम एक- एक कर विभागों की फाइलों को मंगाकर जांच करेगी। इस एक साल के कामकाज की जांच करने में कम से कम तीन से चार महीने का टाइम लगेगा। इसके बाद वह आपत्तियों का ब्योरा तैयार कर अथॉरिटी अधिकारियों को सौंपेगी।
30 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी
प्रदेश सरकार के आदेश पर पहले चरण में साल 2004-5 से लेकर वर्ष 2017-18 तक के कामकाज की जांच होनी है। इसको परफार्मेस ऑडिट (Performance Audit) का नाम दिया गया था। इसमें प्राधिकरण की ओर से बनाए गए नियमों के अंतर्गत जांच की गई थी। इस दौरान 200 से अधिक आपत्तियां लगाते हुए करीब 400 पन्नों की रिपोर्ट तैयार हुई थी। सीएजी को 30 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली थी। इसकी लोक लेखा समिति सुनवाई कर रही है।
पीएम मोदी ने किया था वादा
आपको बता दें कि यूपी में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गाजियाबाद में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि अगर यूपी में भाजपा सरकार आती है तो प्राधिकरण में बीते सालों में हुई गड़बड़ियों की जांच सीएजी से कराई जाएगी। प्रदेश में सत्ता में भाजपा सरकार आ गई। उसी साल सीएजी ने वर्ष 2017 में पहली बार प्राधिकरण में जांच के लिए कदम रखा था।