दिल्ली में होने वाला है जल संकट..जानिए क्या है मामला?

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सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Delhi Water Crisis:
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार अब पानी को लेकर आमने-सामने आ गई है। केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी (Atishi) ने चिंता जताई है कि दिल्ली (Delhi) में जल्द ही पानी का खतरनाक संकट खड़ा होने वाला है। दिल्ली में पीने के पानी की 90 फीसदी जरूरत पड़ोसी (Neighbour) राज्यों से पूरी होती है। उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) से इस मामले में दखल देने की मांग की है।

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दिल्ली जल बोर्ड को फंड जारी नहीं किया

आपको बता दें कि इस मामले को लेकर आतिशी ने एलजी वीके सक्सेना (LG VK Saxena) को चिट्ठी भी लिखी है। इस चिट्ठी में आतिशी ने दावा किया है कि वित्त सचिव आशीष सी वर्मा ने मुख्य सचिव की सलाह पर अगस्त के बाद से दिल्ली जल बोर्ड को फंड जारी नहीं किया है। उन्होंने आशीष वर्मा के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

आतिशी ने ये भी दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड ने वाटर सप्लाई (Water Supply) के लिए जरूरी रखरखाव और साफ-सफाई के लिए भी पैसे देने से मना कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि टैंकरों ने दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों में पानी पहुंचाने से मना कर दिया है। इससे दिल्ली में महामारी जैसी स्थिति बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सबके लिए आशीष सी वर्मा जिम्मेदार हैं। दिल्ली पर महामारी और इमरजेंसी जैसी स्थिति का खतरा मंडरा रहा है।

आतिशी ने और क्या आरोप लगाए?

आतिशी ने दावा किया है कि इस संकट से निपटने के लिए महीने की शुरुआत में बैठक करने के लिए नोटिस (Notice) भेजा था। लेकिन प्रमुख सचिव ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जल और वित्त, दोनों विभागों की मंत्री होने के नाते मीटिंग करने के लिए 16 नवंबर को नोटिस भेजा था। और आशीष वर्मा (Ashish Verma) को दिल्ली में आने वाले खतरे के बारे में बताया था। उस नोटिस में मैंने साफ निर्देश दिए थे कि 17 नवंबर की सुबह 11 बजे तक दिल्ली जल बोर्ड को फंड जारी कर दिया जाए। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऐसा करके उन्होंने ऑल इंडिया सर्विस रूल्स, 1968 का उल्लंघन किया है। आतिशी ने कहा कि पानी जैसी जरूरत के लिए कुछ दिन नहीं, बल्कि कुछ घंटों में ही फंड जारी करना चाहिए। क्योंकि ये शहर की लाइफलाइन है।

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उन्होंने दावा किया कि ये मानव-निर्मित (Human Made) संकट है, जिसका होने का इंतजार किया जा रहा है। और इससे स्वास्थ्य संकट भी खड़ा होगा, जिसके लिए आशीष वर्मा जिम्मेदार होंगे। उन्होंने आशीष वर्मा को सस्पेंड करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। पानी और सीवर (Sewer) जैसे कामों के लिए फंड को किसी भी स्थिति में नहीं रोका जा सकता। इसलिए 2023-24 के बजट में दिल्ली जल बोर्ड के लिए जो बजट रखा गया था। उसकी दूसरी किश्त जल्द से जल्द जारी होनी चाहिए।

जानिए कितना फंड चाहिए?

आतिशी के मुताबिक 2023-24 के बजट अनुमान में जल बोर्ड के लिए 4,839.50 करोड़ रुपये का फंड (Fund) रखा गया था। इसकी पहली किश्त मई में जारी की गई थी। उस समय 1,598 करोड़ रुपये का फंड जारी हुआ था। अगस्त 2023 में जल बोर्ड ने दूसरी किश्त मांगी थी। इस किश्त में 31 अक्टूबर तक 910 करोड़ रुपये जारी किए जाने थे। लेकिन अब तक ये फंड जारी नहीं किया गया है।

दिल्ली को कितना पानी चाहिए?

दिल्ली की 2 करोड़ से ज्यादा आबादी को हर दिन 130 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। इसमें से जल बोर्ड (Water Board) की ओर से 100 करोड़ गैलन (Gallon) पानी ही सप्लाई किया जाता है। दिल्ली के हर व्यक्ति को हर दिन अपनी जरूरत के लिए 274 लीटर पानी चाहिए। दिल्ली के मास्टर प्लान-2041 के तहत इस जरूरत को 2041 तक घटाकर 189 लीटर प्रति दिन पर लेकर आने का टारगेट रखा गया है। बाद में इसे 151 प्रति लीटर पर लाया जाएगा।
इसी साल जून में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि 2015 में जल बोर्ड हर दिन 85 करोड़ गैलन पानी की सप्लाई करता था। और अब इसकी कैपेसिटी हर दिन 100 करोड़ गैलन पानी की हो गई है।

दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से मिलता है पानी?

दिल्ली में पीने के पानी की 90 फीसदी जरूरत पड़ोसी राज्यों से पूरी होती है। दिल्ली को हरियाणा (Haryana) की यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश की गंगा नदी से और पंजाब के भाखरा नांगल (Bhakra Nangal) से पानी मिलता है।
दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वे के मुताबिक हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से रावि-व्यास नदी से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता है। इसके अलावा कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता है। कुल मिलाकर दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता है। इसके साथ ही दिल्ली के 3 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से हर दिन 23 करोड़ गैलन पानी आता है। इसमें से 9 करोड़ चंद्रावल, 12 करोड़ वजीराबाद और बाकी ओखला से आता है।

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