Supertech: सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, पढ़िए पूरी डिटेल
Supertech: सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों को लेकर नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी को सिर्फ अपने बकाए पैसे की परवाह है, उन हजारों फ्लैट बायर्स से कोई लेना-देना नहीं है, जो घर खरीदने के बाद भी किराए के घर में रह रहे हैं।
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आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोएडा अथॉरिटी द्वारा अपीलीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के उस निर्णय के खिलाफ अपील करने पर आपत्ति जाहिर की, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (NBCC) को दिवालिया रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech) की 16 अधूरे रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की इजाजत प्रदान की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की नोएडा अथॉरिटी को फटकार
नोएडा प्राधिकरण ने NCLAT के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। NCLAT ने सुपरटेक के 16 बकाये प्रोजेक्ट्स को नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (NBCC) को देने के आदेश दिए थे। नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि अगर NBCC के पास प्रोजेक्ट चले जाएंगे, तो उसका बकाया कौन चुकाएगा? सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोएडा प्राधिकरण को जमकर फटकारते हुए कहा कि इस हालत के लिए अथॉरिटी के अधिकारी जिम्मेदार खुद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह SIT के गठन पर भी विचार कर रहा है, जो जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करेगा।

जमीन का बकाया हो सकता है खत्म
नोएडा प्राधिकरण के वकील संजीव सेन ने सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार और जॉयमाल्या बागची की पीठ को जानकारी दी कि जब कंपनी दिवालिया कार्यवाही से गुजर रही थी, तो एनबीसीसी को साइटें देना राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के अधिकार क्षेत्र से बाहर था। उन्होंने बताया कि दिवालिया कार्यवाही के तहत, नए आवेदक बकाया- नोएडा को देय भूमि बकाया और बैंकों को ऋण चुकाने के लिए उत्तरदायी होगा। सुपरटेक द्वारा आवास परियोजनाओं के पूरा न होने के कारण हजारों घर खरीदारों की समस्या से वाकिफ पीठ ने नोएडा अथॉरिटी से कहा कि जमीन का बकाया खत्म हो सकता है, क्योंकि आपने यह समस्या पैदा की है। आप इसके लिए जिम्मेदार हैं।
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होमबॉयर्स को 10 साल तक होना पड़ा परेशान
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि आपने नोएडा अथॉरिटी जमीन देने के लिए ऐसा स्ट्रक्चर क्यों बनाया, जो पूरी तरह से रियल एस्टेट एजेंटों के पक्ष में था? इसके कारण से, हजारों होमबॉयर्स को 10 साल से ज्यादा का समय तक परेशान होना पड़ा? कोर्ट ने चेतावनी दी कि वह इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक एसआईटी गठित करने पर विचार कर रही है। बता दें कि 21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के 12 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एनबीसीसी को सुपरटेक की अधूरी परियोजनाओं को संभालने के लिए कहा गया था, जहां अनुमानित 27,000 होमबॉयर्स ने अपना पैसा लगाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आईबीसी कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी थी।

