Bihar Politics News: अमित शाह ने जेडीयू की एनडीए में वापसी को लेकर कहा था कि प्रस्ताव आया तो विचार करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के इस बयान के बाद बिहार का सियासी तापमान बढ़ गया है। विधानसभा (Assembly) में विपक्ष के नेता के आवास पर भाजपा विधायकों की बैठक हुई। तो वहीं जेडीयू (JDU) ने भी अपने सांसदों-विधायकों से पटना में मौजूद रहने के लिए कहा है। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अपने हालिया पोस्ट से राज्य की सियासत को गर्म कर दिया है। बिहार में एक बार फिर सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है। मांझी ने अपने सभी विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है। पढ़िए पूरी खबर…
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गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने हाल ही में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) में वापसी के सवाल पर कहा था कि प्रस्ताव आया तो विचार करेंगे। अमित शाह के इस बयान के बाद बिहार में सियासी हलचल बढ़ गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जेडीयू गठबंधन टूटने की चर्चा तेज हो गई है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों की बैठक चल रही है। तो वहीं नीतीश कुमार ने भी जेडीयू (JDU) के सभी विधायकों और सांसदों से अगले आदेश तक पटना में मौजूद रहने के लिए कहा है। बिहार में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर अपने सभी विधायकों से 25 जनवरी तक पटना में ही रहने के लिए कहा है।
पटना में सियासी हलचल के बीच आरजेडी प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) अपने पुत्र और बिहार सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ सीएम हाउस पहुंचे। लालू और तेजस्वी ने सीएम हाउस पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की है। तेजस्वी यादव ने नीतीश के साथ बैठक को नॉर्मल मीटिंग बताते हुए कहा कि हम सभी नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम कर रहे हैं।
उन्होंने लालू और नीतीश (Lalu and Nitish) को एक बताते हुए कहा कि हम तो मिलते ही रहते हैं। बिहार से भाजपा साफ हो जाएगी। तेजस्वी ने बैठक में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा की बात कही है। तेजस्वी के बयान में ऑल इज वेल का संदेश है लेकिन लेकिन इस मीटिंग को आरजेडी की ओर से तल्खी कम करने के लिए उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अपनी एक पोस्ट से पूरे सूबे की सियासत हिला दी। मांझी ने बीते शुक्रवार को अपने एक्स अकाउंट से एक पोस्ट करके बिहार में बड़े सियासी उलटफेर की अटकलों की चर्चा तेज कर दी है। मांझी ने लिखा है कि दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के वर्तमान राजनैतिक हालात पर मेरी नजर है। राज्य के राजनीतिक हालात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने सभी माननीय विधायकों को आगामी 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है। जो भी हो राज्यहित में होगा जय बिहार।
नीतीश से फिर गठबंधन में कोई आपत्ति नहीं
बता दें कि जीतन राम मांझी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब (Constitution Club) में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने गए हैं। इस दौरान जब उनसे ये पूछा गया कि क्या विपक्ष का गठबंधन ताश के पत्तों की तरह बिखर रहा है। इस पर मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार का यही चरित्र रहा है। इसके लिए लालू जी ने शब्द दिया है पलटूराम का। तो जब पलटूराम ने एक बार पलटकर अपने चरित्र को समाज में दिखा दिया है।
तो दूसरी बार, तीसरी बार और चौथी बार पलटने में क्या दिक्कत हो सकती है। इसलिए ऐसा हो सकता है। मैं उम्मीद कर सकता हूं और अगर वो आते हैं गठबंधन में, भाजपा बड़ी पार्टी है और वो अगर उनको लेने की बात करती है तो हमें उसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।
दही-चूड़ा से काम नहीं चलेगा, खिचड़ी भी खाएंगे
वहीं इस दौरान मांझी ने कहा कि हमारी चिराग पासवान (Chirag Paswan) से दही-चूड़ा खाने पर मुलाकात हुई थी। और वहीं ये तय किया गया कि दही-चूड़ा से काम नहीं चलेगा, अब खिचड़ी भी खाना है। तो फिर हमने दिल्ली में चिराग के घर खिचड़ी खाई है। वहां ये बात हुई कि हम लोग हर हाल में एनडीए को साथ लेंगे और नरेंद्र मोदी का हाथ साथ रहेगा।
मांझी ने कहा कि उन्होंने आश्वासन यही दिया था कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री (Cm) बनाएंगे। आज जिस प्रकार से उनके ऊपर आरजेडी का दवाब है, हमारे नीतीश कुमार विचलित हैं। साथ ही नीतीश को ये सपना दिखाया गया था कि वो प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी होंगे। लेकिन लालू जी ने पटना में ही संकेत दे दिया था कि आप शादी करो, हम लोग बारात में आएंगे।
ये चीज नीतीश बर्दाश्त नहीं पा रहे
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि जब बेंगलुरु में मीटिंग हुई और फिर दिल्ली में मीटिंग हुई तो नीतीश की शंका दूर हुई कि उनको ये लोग पीएम कैंडिडेट नहीं बनाएंगे। क्योंकि मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्षी गठबंधन का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया और इनको संयोजक बनाने की बात हुई। ये चीज नीतीश बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और ऐसी परिस्थिति में वह कुछ भी सोच सकते हैं।
राजभवन पहुंचे नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी
नीतीश कुमार की सरकार के मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) ने पटना में बढ़े सियासी तापमान के बीच राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि अशोक चौधरी भवन निर्माण विभाग की तरफ से कराए जा रहे निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। वहीं भाजपा के एमएलसी दिलीप जायसवाल ने नीतीश-लालू की मुलाकात पर तंज करते हुए कहा कि दोनों को ही एक-दूसरे पर विश्वास नहीं है। इसलिए यह लोग एक-दूसरे से मिलते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि ये एक-दूसरे से ही चिंतित रहते हैं। आगे-आगे देखिए क्या होता है। भाजपा एमएलसी ने साथ ही यह भी जोड़ा कि राजनीति में किसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने नीतीश कुमार की पार्टी के एनडीए में लौटने की अटकलों को लेकर सवाल पर कहा कि अगर शीर्ष नेतृत्व हां कर देता है तो कोई दिक्कत नहीं होगी। हम शीर्ष नेतृत्व का फैसला स्वीकार करेंगे।
क्या 25 जनवरी से पहले होगा सियासी खेल?
भाजपा विधायकों की बैठक, जेडीयू सांसदों-विधायकों (JDU MPs-MLAs) को नीतीश का आदेश और अब मांझी का निर्देश, पटना में आज के सियासी घटनाक्रम को देखते हुए यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के आयोजन से लेकर 25 जनवरी के बीच बिहार में बड़ा सियासी खेल हो जाएगा?
नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की अटकलों को अब लोक जनशक्ति पार्टी (Ramvilas) के प्रमुख चिराग पासवान के बयान ने भी हवा दे दी है। नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चे खोले रखने वाले चिराग ने भी जेडीयू के एनडीए में आने की संभावना जता दी है।
गौरतलब है कि हाल ही में एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में अमित शाह (Amit Shah) ने जेडीयू की एनडीए में वापसी को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा था कि प्रस्ताव आया तो विचार करेंगे। गौरतलब है कि अमित शाह और भाजपा के नेता अब तक यह कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार के लिए अब एनडीए के दरवाजे बंद हैं।