23 दिसंबर को SAD संयुक्त की बैठक:ढींढसा की अकाली दल में हो सकती है वापसी

पंजाब राजनीति
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Punjab News: शिरोमणि अकाली दल SAD (संयुक्त) के फाउंडर सुखदेव सिंह ढींढसा (Sukhdev Singh Dhindsa) की अकाली दल में आने की चर्चा तेज हो गई है। ढींढसा ने अकाली दल (Akali Dal) में वापसी की लेकर विचार करने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक 23 दिसंबर को बैठक बुला ली है। अकाली दल के 103वें स्थापना दिवस पर अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी रूठे अकाली नेताओं को वापस आने की अपील की थी।
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Pic Social Media

ढींढसा ने सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) की अपील पर फिर से वापसी के संकेत दिए थे और कहा था कि इस कदम को उठाने से पहले पार्टी सदस्यों की मंजूरी की आवश्यकता है। ढींढसा ने बीते दिनों कहा था कि ये अच्छी बात है, बादल ने बेअदबियों के लिए माफी मांगी। लेकिन उनके अलग पार्टी बनाने के पीछे सिर्फ बेअदबी के साथ ही अन्य कई मुद्दे थे, जिन पर विचार जरूरी है।

पूर्व विधायक की अंतिम अरदास पर मिले थे चंदूमाजरा

पिछले दिनों पूर्व विधायक रणजीत सिंह तलवंडी के रायकोट के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में अंतिम अरदास के वक्त ढींढसा अकाली दल के सीनियर लीडर प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी से मुलाकात मिले थे। इस दौरान 15 मिनट बंद कमरे में बात चीत हुई थी। कमरे से बाहर निकलते ही ढींढसा ने बताया कि 15 मिनट की बैठक में अकाली दल संयुक्त की अकाली दल के साथ विलय को लेकर बात चलाई थी।

2019 में दे दिया था इस्तीफा

आपको बता दें कि बेअदबी और बहबल कलां गोलीकांड के बाद से ही अकाली दल में फूट पड़नी शुरू हो गई थी। सबसे पहले रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा (Ranjit Singh Brahmapura) ने पार्टी का साथ छोड़ा था। फिर 2019 में सीनियर नेताओं को नजर अंदाज किए जाने के बाद 19 अक्टूबर को ढींढसा ने भी अपना इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता भी छोड़ दी थी।

2021 में बनाया गया अकाली दल संयुक्त

अकाली दल संयुक्त 2021 में विधानसभा चुनावों से पहले बनाया गया था। इसमें अकाली दल टकसाली और अकाली दल डेमोक्रेटिक दलों का विलय कराया गया था। जिसके फाउंडर रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा व सुखदेव ढींढसा थे।