Raksha Bandhan: राखी पर भद्रा काल का साया, जानिए रक्षा सूत्र बांधने का सही समय
Raksha Bandhan: इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व कई शुभ संयोगों में पड़ा है। रक्षाबंधन के दिन सावन सोमवार है और श्रावण पूर्णिमा भी है। श्रावण पूर्णिमा (Shravan Purnima) की तिथि पर भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। बहनें अगर भद्रा (Bhadra) की टाइमिंग को लेकर कंफ्यूज हैं, तो हम आपको बता दें कि रक्षा बंधन का पर्व भद्रा के कारण दोपहर के बाद ही मनाया जाएगा। होली और रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) पर भद्रा को जरूर देखा जाता है।
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इस बार भद्रा सुबह सूर्योदय से पहले लग जाएगा जो, सात घंटे 40 मिनट तक रहेगा। दोपहर में भद्रा खत्म होने के बाद मध्यरात्रि के कुछ मिनट पहले तक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। बहनों को चाहिए कि रक्षा बंधन के पावन पर्व पर सबसे पहले मंदिर में पूजा करें और सर्वप्रथम गणेश जी को ही राखी बांधे। इस तरह राखी की शुरुआत करें।
राखी बांधने का सही समय
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक श्रावण पूर्णिमा पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर बाद है। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक सावन पूर्णिमा को भोर में 5.53 बजे भद्रा लग जाएगा। यह दोपहर 1.33 बजे तक रहेगा। उसके बाद बहनें भाइयों को राखी बांध सकती हैं। कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में हैं, इसलिए भद्रा का असर पृथ्वीलोक में नहीं होगा। हिंदू धर्म के निर्णायक ग्रंथ निर्णय सिंधु के मुताबिक रक्षाबंधन पर्व उदया तिथि के अनुसार 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा। यह पर्व दोपहर एक बजकर 33 मिनट से रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक मनाया जा सकता है।
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ज्योतिष शास्त्र को जानने वाले बताते हैं कि ब्राह्मण सुबह श्रावणी उपाकर्म कर सकते हैं। इस पर भद्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। शुक्लयजुर्वेदी ब्राह्मण तीन प्रहर की पूर्णिमा, जबकि सामवेद और अथर्व वेद को मानने वाले ब्राह्मण उदया तिथि के मुताबिक श्रावणी करते हैं। इसलिए वे इस विधान का संपादन 19 अगस्त को करेंगे।
इस मंत्र के साथ बांधे राखी
रक्षा सूत्र बांधते समय येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचलः। मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इस समय बहन को भाई की नजर उतारनी चाहिए और पूर्व दिशा में मुंह करके भाई के सिर पर कपड़ा रखकर तिलक करना चाहिए। नारियल अगर रिवाज हो तो देना चाहिए। आरती उतारनी चाहिए और फिर मिठाई खिलानी चाहिए।
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अगर बांधनी पड़े भद्रा के दौरान राखी तो क्या करें उपाय
हिंदू धर्म में भद्रा के दौरान राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। अगर किसी कारण या मजबूरी में भद्रा के दौरान राखी बांधनी पड़े तो बहनें ये उपाय कर सकती है, बहनें भद्रा के दौरान अपने भाई को राखी बांध रही हैं तो वह व्रत रखें। इस दौरान बहनों को भद्रा के 12 नामों का स्मरण करना होगा।
ये हैं भद्रा के 12 नाम
धन्या, दधमुखी, भद्रा, महामादी, खराना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली और असुरक्षयकारी।