Rajasthan: सीएम भजनलाल के लिए नवरात्रि केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मानुशासन और साधना का समय है।
Rajasthan News: शारदीय नवरात्रि में जहां पूरा देश मां दुर्गा की भक्ति में लीन है, वहीं राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) की आध्यात्मिक जीवनशैली और अनुशासन भरी साधना सबका ध्यान आकर्षित कर रही है। मुख्यमंत्री पिछले आठ महीनों से अन्न का त्याग कर चुके हैं और नवरात्रि के दौरान उनका उपवास और भक्ति भाव उन्हें एक अलग ही पहचान दिला रहा है। वे केवल नींबू पानी, नारियल पानी, कभी-कभार फलाहार, उबली सब्जियां, चाय या गाय का दूध लेते हैं। उनका कहना है कि यह साधना उन्हें मां दुर्गा की कृपा से संभव हो पाई है, जिससे उन्हें आत्मबल और एकाग्रता प्राप्त हो रही है।

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त्रिपुरा सुंदरी और तनोट माता की आराधना
सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने हाल ही में उदयपुर के प्रसिद्ध त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके अलावा वे जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर में भी मां की भक्ति में लीन नजर आए थे। इन पवित्र स्थलों पर उनकी आराधना के दृश्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। उनकी यह श्रद्धा और आस्था उनके आध्यात्मिक पक्ष को उजागर कर रही है, जो आम तौर पर राजनीति से जुड़े लोगों में कम ही देखने को मिलती है।
संयम और साधना का अनुशासन
सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के लिए नवरात्रि केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मानुशासन और साधना का समय है। जहां सामान्य उपवासी व्रत के दौरान मिठाई या फलाहार लेते हैं, वहीं मुख्यमंत्री का उपवास पूर्ण संयम पर आधारित होता है। उनके अनुसार, नवरात्रि आत्मा और मन की शुद्धि का पर्व है, जो व्यक्ति को आंतरिक रूप से मजबूत बनाता है। यह साधना उनकी निजी आस्था का हिस्सा है और धार्मिक रस्मों से कहीं आगे आध्यात्मिक अभ्यास की मिसाल बन चुकी है।

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योग, ध्यान और सक्रियता का संतुलन
मुख्यमंत्री की दिनचर्या में नियमित रूप से योग, ध्यान और वॉक शामिल हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है। खास बात यह है कि व्रत और साधना के बावजूद उनकी कार्यकुशलता में कोई कमी नहीं आई है। नवरात्रि के नौ दिनों में भी उन्होंने 42 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, उद्घाटन, शिलान्यास और निरीक्षण किए। इसके अलावा, वे 18 बार जयपुर से बाहर दौरे पर भी गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका संयम उनकी कार्यक्षमता को कम नहीं, बल्कि और बढ़ा रहा है।
भक्ति और सेवा का अद्भुत संतुलन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के मुताबिक, संयम ही उनका सबसे बड़ा शस्त्र है। उनके लिए उपवास केवल भूख सहने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मिक साधना और समाज सेवा का एक जरिया है। उनका मानना है कि राजनीति और आध्यात्मिकता को एक साथ चलाया जा सकता है, और उन्होंने खुद को इसका जीवंत उदाहरण बना कर दिखाया है। उनकी यह भक्ति और तपस्या न केवल उन्हें आंतरिक शक्ति दे रही है, बल्कि प्रदेश की जनता के लिए भी एक प्रेरणादायक संदेश बन चुकी है।

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मां दुर्गा की कृपा से प्रेरित साधना
सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) की यह साधना नवरात्रि के अवसर पर और भी खास बन जाती है। मां दुर्गा के प्रति उनकी गहन श्रद्धा और आस्था उन्हें एक अलग आध्यात्मिक ऊंचाई पर ले जा रही है। उनका यह तप और संयम न केवल राजस्थान के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, बल्कि यह दर्शाता है कि एक जननेता के रूप में भक्ति, सेवा और साधना का त्रिकोण संतुलन भी संभव है।

