Punjab बढ़ रहा है तेजी से स्वच्छता की ओर: CM Mann
Punjab: पंजाब, जो पिछले कुछ दशकों से विकास की पटरी से उतकर बदहाली की ओर बढ़ रहा था, साल 2022 के बाद फिर से विकास की पटरी पर सवार होकर भारत के तेजी से विकसित हो रहे राज्यों में अपना नाम दर्ज करवाया है। पंजाब (Punjab) में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार बनी और मुख्यमंत्री बने भगवंत सिंह मान। सीएम बनने के पहले ही दिन से भगवंत सिंह मान, गांव-गरीब, किसान, युवा-महिला और समाज के सभी वर्गों के लिए विकास करने का काम किया है।
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बात चाहे विकास की हो या कानून व्यवस्था की मान सरकार सबसे अव्वल आ रही है। सीएम भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) के नेतृत्व में पंजाब का विकास हो रहा है लेकिन सीएम विकास के लिए पर्यावरण असंतुलन के खिलाफ हैं। पंजाब में पर्यावरणीय संतुलन और शहरी विकास के लिए मान सरकार ने ढ़ेरों काम किया है। राज्य के शहरी क्षेत्रों में लंबे समय से कचरा प्रबंधन (Waste Management) एक बड़ी समस्या बनी हुई थी। यह समस्या न केवल स्वच्छता और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रही थी, बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरनाक थी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Singh Mann) ने अपनी दूरदर्शी सोच और प्रभावी योजनाओं के साथ इस समस्या को हल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
स्वच्छता मिशन की मजबूत नींव
सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही शहरी कचरा प्रबंधन को प्राथमिकता में शामिल किए। उनका दृष्टिकोण केवल कचरे को हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे वैज्ञानिक और टिकाऊ ढंग से प्रबंधित करने पर केंद्रित है। सीएम ने पंजाब के सभी शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। सबसे पहले, मान सरकार ने शहरों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली को अनिवार्य बनाया। इस योजना के तहत हर घर से कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में एकत्र करने का प्रावधान किया गया। गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग किया गया ताकि इसे पुन: उपयोग या रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जा सके।
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आधुनिक तकनीकों का किया जा रहा है प्रयोग
भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार (Punjab Government) ने कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया। कचरा निस्तारण के लिए अत्याधुनिक प्लांट का निर्माण किया गया है, जहां कचरे से जैविक खाद और ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। इन प्लांट्स में गीले कचरे को खाद में बदलने की प्रक्रिया न केवल पर्यावरण अनुकूल है, बल्कि इससे किसानों को भी सस्ती खाद उपलब्ध हो रही है। इसके साथ ही सूखे कचरे के रिसाइक्लिंग के लिए भी विशेष केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों में प्लास्टिक, कांच और धातु जैसे सामग्रियों को रिसाइक्लिंग कर फिर से उपयोग में लाया जा रहा है।

आधुनिक उपकरण और सुरक्षा गियर भी उपलब्ध
स्वच्छता को बेहतर बनाने के लिए मान सरकार (Mann Government) ने शहरी निकायों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है और उन्हें जरूरी ट्रेनिंग भी दी जा रही है। कचरा प्रबंधन के लिए सफाई कर्मियों को आधुनिक उपकरण और सुरक्षा गियर भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही साथ स्वच्छता कार्यबल के कार्य को प्रभावी बनाने के लिए निगरानी प्रणाली लागू की गई है।

जनभागीदारी और जागरूकता अभियान भी असरदार
भगवंत मान सरकार का मानना है कि स्वच्छता का सपना तभी साकार होगा जब जनता इसमें सक्रिय भागीदारी निभाएगी। इस उद्देश्य से राज्य में कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इन अभियानों के तहत लोगों को कचरे के सही प्रबंधन, उसे अलग-अलग श्रेणियों में रखने और पुनर्चक्रण की महत्ता के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही स्कूलों, कॉलेजों और स्थानीय संगठनों के माध्यम से बच्चों और युवाओं को स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। इससे समाज के हर वर्ग में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

प्लास्टिक कचरे पर रोक
प्लास्टिक कचरे को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इसी क्रम में पंजाब में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही, प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े और जूट के बैग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मान सरकार ने इस दिशा में न केवल सख्ती दिखाई है, बल्कि वैकल्पिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन भी दिए हैं।

GPS ट्रैकिंग सिस्टम से होती है निगरानी
भगवंत मान की सरकार ने शहरों में स्मार्ट कचरा प्रबंधन प्रणाली लागू की है। इस प्रणाली के तहत, कचरे के संग्रहण और निस्तारण की प्रक्रिया को डिजिटल किया गया है। जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से कचरा संग्रहण वाहनों की निगरानी की जाती है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि शहर के हर कोने से कचरा समय पर उठाया जाए। इसके साथ ही कचरा प्रबंधन की स्थिति का आकलन करने के लिए नियमित रिपोर्ट तैयार की जाती है। इससे न केवल कार्यक्षमता बढ़ी है, बल्कि किसी भी खामी को तुरंत सुधारने का अवसर भी मिलता है।

बायोगैस और बिजली का हो रहा उत्पादन
भगवंत मान सरकार ने कचरे से ऊर्जा उत्पादन की परियोजनाओं को बढ़ावा दिया है। राज्य के कई हिस्सों में ऐसे प्लांट स्थापित किए गए हैं, जहां जैविक कचरे से बायोगैस और बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से न केवल कचरे की समस्या का समाधान हो रहा है, बल्कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। इसके साथ ही मान सरकार ने कचरा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत बनाकर पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस प्रणाली ने न केवल शहरों को स्वच्छ बनाया है, बल्कि जल और वायु प्रदूषण को भी कंट्रोल करने का काम किया है।

अंतरराष्ट्रीय मानकों की ओर अग्रसर
सीएम भगवंत मान के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज पंजाब के कई शहर कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप काम करते हुए, पंजाब ने स्मार्ट और टिकाऊ शहरी विकास की दिशा में एक नया अध्याय लिखा है।

सीएम भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच और दृढ़ नेतृत्व ने पंजाब के शहरी क्षेत्रों को स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनके नेतृत्व में राज्य न केवल एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर है, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास का आदर्श भी प्रस्तुत कर रहा है। उनके प्रयासों से पंजाब में कचरा प्रबंधन एक चुनौती से अवसर में बदल गया है।

