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Punjab News: ‘नशों के विरुद्ध युद्ध’ से ड्रग माफिया को बड़ा झटका

पंजाब राजनीति
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14,734 गिरफ्तार, ₹74 महानिदेशक गौरव यादव

हम सिर्फ तस्करों को नहीं पकड़ रहे, हम उनकी अर्थव्यवस्था, कड़ियों को तोड़ रहे हैं और नशे के शिकार लोगों को वापस जीवन की राह पर ला रहे हैं” – डीजीपी गौरव यादव

₹10.76 करोड़ की ड्रग मनी ज़ब्त; हवाला नेटवर्क पर प्रहार करते हुए 48 हवाला ऑपरेटर गिरफ्तार

6,000 से अधिक नशे के शिकार लोगों को रिहैबिलिटेशन के लिए भेजा गया; 1121 को NDPS एक्ट की धारा 64-A के तहत पुनर्वास में भेजा

ज़मानत पर छूटे तस्करों पर नज़र रखने के लिए GPS एंकलट व AI आधारित मैपिंग प्रणाली की योजना

सीमा पर ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग शुरू, ड्रोन के ज़रिए होने वाली तस्करी पर नज़र

Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर शुरू किए गए तीन महीने लंबे विशेष अभियान ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ ने पंजाब में ड्रग तस्करी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार किया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने शनिवार को बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। जिला पुलिस, खुफिया एजेंसियों और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) से मिली जानकारी के आधार पर अगले 60 दिनों के लिए नशा तस्करों की नई लिस्ट तैयार की जा रही है।

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डीजीपी ने बताया कि ज़मानत पर छूटे तस्करों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गांवों के बुज़ुर्गों और पंचायतों को साथ लेकर उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जाएगी और बार-बार अपराध करने वालों की ज़मानत रद्द कराने की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी। उन्होंने कहा कि बड़े तस्करों की निगरानी के लिए जीपीएस एंकलट लगाने की योजना पर कानूनी पहलुओं की जांच चल रही है, ताकि कोर्ट से मंजूरी मिलने पर उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पंजाब पहला राज्य था जिसने 2019 में Punjab Artificial Intelligence System (PAIS) नाम से सॉफ्टवेयर तैयार किया था। अब उसी तर्ज पर एक एआई आधारित हाइरार्किकल डाटाबेस तैयार किया जा रहा है जिससे NDPS एक्ट में गिरफ्तार लोगों के लिंक दो स्तरों तक ट्रेस किए जा सकें।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने भारत-पाक सीमा पर ड्रोन के ज़रिए हो रही तस्करी को रोकने के लिए अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम का ऑर्डर दे दिया है। यह सिस्टम ड्रोन की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करेगा।

इसके अलावा, पंजाब सरकार ने जेलों के आधुनिकीकरण और अपग्रेडेशन के लिए ₹500 करोड़ का पैकेज मंज़ूर किया है। सभी जेलों में डि-एडिक्शन सेंटर बनाए जाएंगे ताकि कैदियों को नशा छुड़ाने का इलाज मिल सके।

पंजाब पुलिस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि 1 मार्च 2025 से अब तक 8344 एफआईआर दर्ज की गईं और 14,734 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 13,038 ड्रग पेडलर और 1,696 बड़े सप्लायर शामिल हैं।

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इस दौरान बड़ी मात्रा में ड्रग्स भी जब्त की गई:

586 किलोग्राम हेरोइन

247 किलोग्राम अफीम

14 टन पोस्ता भूसी

9 किलोग्राम चरस

253 किलोग्राम गांजा

2.5 किलोग्राम ICE

1.6 किलोग्राम कोकीन

25.70 लाख नशीली गोलियां/टैबलेट

₹10.76 करोड़ नकद ड्रग मनी

इसके अलावा 144 तस्करों की ₹74.27 करोड़ की अवैध संपत्ति ज़ब्त की गई और 104 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया।

डीजीपी ने बताया कि 1205 मामलों में निर्णय हुआ, जिनमें से 1085 मामलों में दोष सिद्ध हुआ – यानी 90% की सजा दर, जो देश में सबसे अधिक है।

सख्त कार्रवाई के कारण हेरोइन की स्ट्रीट कीमतों में 50% और सिंथेटिक ड्रग्स में 40% की बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है।

48 बड़े हवाला ऑपरेटरों की गिरफ्तारी और ₹10.76 करोड़ की ज़ब्ती से ड्रग नेटवर्क की आर्थिक रीढ़ तोड़ी गई है।

डीजीपी ने बताया कि ‘Safe Punjab’ व्हाट्सएप चैटबॉट पोर्टल (9779100200) ने एक गेमचेंजर की भूमिका निभाई है। इसकी गोपनीयता के कारण लोगों ने खुलकर रिपोर्ट दी, जिससे 7635 टिप्स में से 1596 एफआईआर दर्ज हुईं और 1814 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।

नशे के शिकार लोगों के साथ सहानुभूति भरा रवैया अपनाते हुए, पुलिस ने NDPS एक्ट की धारा 64-A के तहत 1121 लोगों को पुनर्वास में भेजा। 5786 अन्य यूज़र्स को डि-एडिक्शन सेंटर और 6483 को OOAT सेंटर में इलाज के लिए प्रेरित किया गया।

उन्होंने बताया कि SHO अब ज़मानत पर छूटे व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें ड्रग्स से दूर रहने का शपथ-पत्र लेंगे और ज़रूरत पर इलाज की भी पेशकश करेंगे। दोबारा अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

डीजीपी ने ‘Each One Adopt One’ अभियान की घोषणा की जिसके तहत डीजीपी से लेकर नीचे तक हर पुलिस अधिकारी एक ड्रग यूज़र को गोद लेकर उसकी डि-एडिक्शन और रिहैब प्रक्रिया को व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर करेगा।

आगे की रणनीति बताते हुए उन्होंने कहा कि गांव पंचायतों से अपील की जा रही है कि वे बैठकें आयोजित कर अपने गांव की नशा स्थिति का आंकलन करें। यदि गांव नशा मुक्त है तो उसे घोषित करें, नहीं तो योजना बनाकर उसे नशा मुक्त बनाएं।

नागरिक नशा संबंधित गतिविधियों की गुप्त रिपोर्ट Safe Punjab हेल्पलाइन – 9779100200 पर कर सकते हैं।