पंजाब के उद्योगों को बड़ी राहत , कैबिनेट ने औद्योगिक प्लॉट ट्रांसफर नीति को दी मंजूरी
औद्योगिक प्लॉटों को अस्पतालों, होटलों, औद्योगिक पार्कों और अन्य स्वीकृत प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने के उद्देश्य से उठाया गया कदम
Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट ने औद्योगिक प्लॉटों को अस्पतालों, होटलों, औद्योगिक पार्कों और अन्य स्वीकृत उपयोगों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने हेतु पंजाब की ट्रांसफर नीति में अहम बदलावों को मंजूरी दे दी है।
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इस संबंध में फैसला आज मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले ट्रांसफर नीति 2008, 2016 और 2021 में लाई गई थी। हालांकि, 2021 की नीति की कुछ सख्त शर्तों को लेकर औद्योगिक संगठनों ने आपत्ति जताई थी। इसके जवाब में एक समिति ने उद्योगपतियों की याचिकाओं की समीक्षा की और फ्री होल्ड प्लॉटों पर लागू बदलावों की सिफारिश की। संशोधित नीति के अनुसार औद्योगिक प्लॉट की आरक्षित कीमत का 12.5 प्रतिशत ट्रांसफर शुल्क लागू होगा।
लीजहोल्ड औद्योगिक प्लॉटों/शेडों को फ्री होल्ड में बदलने की अनुमति
कैबिनेट ने विशेष रूप से पीएसआईईसी द्वारा प्रबंधित लीजहोल्ड औद्योगिक प्लॉटों और शेडों को फ्री होल्ड में बदलने की नीति को भी मंजूरी दे दी है। ये प्लॉट और शेड मूल रूप से लीजहोल्ड आधार पर अलॉट किए गए थे, जिनमें जटिल धाराएं शामिल थीं, जिससे संपत्ति के लेनदेन में अड़चनें आ रही थीं। इस नई नीति का उद्देश्य औद्योगिक प्लॉटों के प्रबंधन को सरल बनाना, व्यापार करने में सुविधा बढ़ाना, अलॉटियों के बीच मुकदमेबाज़ी और असमर्थता को कम करना है। इसके अलावा इस ट्रांसफर से राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
एम.एस.ई. फैसिलिटेशन काउंसिल नियम-2021 में संशोधन
कैबिनेट ने एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट, 2006 के तहत एम.एस.ई. फैसिलिटेशन काउंसिल नियम-2021 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। फिलहाल ज़िला स्तर पर माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइज़ फैसिलिटेशन काउंसिलें संबंधित डिप्टी कमिश्नरों की अध्यक्षता में काम कर रही हैं। हालांकि, इस अधिनियम के तहत दिए गए अवॉर्ड्स की अदायगी में देरी होती है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अब ऐसा ढांचा तैयार किया जाएगा, जिससे पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 के तहत बकाया भू-राजस्व के रूप में इन अवॉर्ड्स की वसूली शीघ्र की जा सके।
पंजाब जल संसाधन विभाग के जूनियर इंजीनियर (ग्रुप-बी) सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने पंजाब जल संसाधन विभाग के जूनियर इंजीनियर (ग्रुप-बी) से संबंधित सेवा नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत जे.ई. की 15% पदों को प्रोन्नति के लिए आरक्षित किया गया है, जिनमें से 10% पद जूनियर ड्राफ्ट्समैन, सर्वेयर, वर्क मिस्त्री, अर्थ वर्क मिस्त्री और अन्य से भरे जाएंगे। अब इस कोटे के अंतर्गत नहरी पटवारी और राजस्व क्लर्क, जिनके पास मान्यता प्राप्त संस्थान से सिविल, मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या डिग्री तथा आवश्यक अनुभव होगा, वे भी प्रोन्नति के योग्य होंगे। इस कदम से विभाग में अनुभवी कर्मचारी आएंगे और कर्मचारी उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
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वित्त विभाग के तहत विभिन्न निदेशालयों के विलय को हरी झंडी
प्रशासनिक कार्य दक्षता बढ़ाने और खर्च घटाने के लिए कैबिनेट ने वित्त विभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न निदेशालयों के विलय को मंजूरी दे दी है। इसके तहत लघु बचत, बैंकिंग व वित्त और लॉटरी निदेशालयों का विलय कर इसे अब “डायरेक्टोरेट ऑफ स्मॉल सेविंग्स, बैंकिंग एंड लॉटरीज़” कहा जाएगा। डी.पी.ई.ऐड. और डी.एफ.आर.ई.आई. का भी विलय कर इसे “डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज एंड फाइनेंशियल रिसोर्सेज” कहा जाएगा। ट्रेजरी और एकाउंट्स, पेंशन्स और एन.पी.एस. के विभिन्न निदेशालयों का भी विलय कर इसे “डायरेक्टोरेट ऑफ ट्रेजरी एंड एकाउंट्स, पेंशन एंड एनपीएस” नाम दिया जाएगा। इस पुनर्गठन से राज्य को लगभग 2.64 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होने की संभावना है।
स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी के लिए नई भर्तियों को मंजूरी
कैबिनेट ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार चंडीगढ़ में स्थापित स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी के लिए नई भर्तियों को भी स्वीकृति दे दी है। केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं के तहत फंड का ट्रांसफर अब एस.एन.ए. स्पर्श प्रणाली के माध्यम से होगा। स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी को कार्यशील बनाने के लिए नौ पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें जिला खजाना अधिकारी, खजाना अधिकारी, दो वरिष्ठ सहायक, चार क्लर्क और एक सेवadar शामिल हैं।

